177 बच्चों पर एक शिक्षक, 11 साल से गुरुजी का इंतजार

  • केस 01: उच्च प्राथमिक विद्यालय कांशीराम आवास योजना में कक्षा एक से आठ तक के 177 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र – एक शिक्षक है। उच्च प्राथमिक विद्यालय राजापुर में एक से आठ तक के 151, जबकि प्राथमिक विद्यालय गयासुद्दीनपुर में पांचवीं तक के 106 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा भी एक-एक शिक्षक उठा रहे हैं।
  • केस – 02 : नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बक्शी बाजार, कटघर और पुराना लूकरगंज में एक भी शिक्षक नहीं है और दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को संबद्ध करके किसी तरह पढ़ाई कराई जा रही है। तीनों स्कूलों में क्रमश: 12, 27 व 45 बच्चे पंजीकृत हैं। नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के कायदे कानून पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन खासा प्रभावित हो रहा है। दो दर्जन स्कूलों में मात्र एक शिक्षक हैं तो तीन स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है और दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को अटैच (संबद्ध) करके पढ़ाई कराई जा रही है। आरटीई के अनुसार कक्षा एक से पांच तक में 30 बच्चों पर एक और कक्षा छह से आठ तक के 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है। लेकिन नगर क्षेत्र के स्कूलों में वर्ष 2011 के बाद से शिक्षकों की तैनाती न होने के कारण लगभग एक चौथाई पद खाली हैं। एक ही शिक्षक अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विषय समेत सभी पढ़ाने से लेकर मिड-डे-मील बनवाने, बीटी के जरिए अभिभावकों के खातों में रुपये ट्रांसफर करवाने और हाउस होल्ड सर्वे तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

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