#OPS // पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारियों की रैली के बाद सक्रिय हुई सरकार, कर्मचारी संगठनों से तेज हुआ संवाद
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लखनऊ:- पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों के लंबित पदोन्नति जल्द करने शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों इको गार्डन में हूंकार भरी।उत्तर प्रदेश शिक्षक कर्मचारी अधिकारी और पेंशन अधिकार मंच के बैनर तले आयोजित महारैली में मंच के अध्यक्षता कर रहे दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो विधानसभा चुनाव 2022 उत्तर प्रदेश सरकार को सबक सिखाएंगे।
सिर पर सफेद टोपी लगाये शिक्षक और कर्मचारियों से खचाखच भरी ईको गार्डन में आयोजित महारैली में ” चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हो” जाति धर्म का भेद मिटाओ, पुरानी पेंशन बहाल कराओ।। पुरानी पेंशन अधिकार है, बुढ़ापे का आधार है।। जैसे नारों से पूरा इको गार्डन गूंज उठा। महारैली को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पहले सरकारें कर्मचारी और शिक्षकों की समस्याओं को सुनकर लिखें निराकरण का प्रयास करती थी। लेकिन मुझे पहली सरकार है जो कर्मचारियों के लंबे संघर्ष से हासिल की गई उपलब्धियों और अधिकारों को भी सीन रही है।
आर-पार की लड़ेंगे लड़ाई :-
दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने समय रहते पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो शिक्षक कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। और लोकतंत्र का अंतिम अस्त्र को भी प्रयोग करने से नहीं चुकेंगे। उन्होंने कहा कि कि सरकार जब किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून वापस ले सकती है, तो पुरानी पेंशन क्यों बहाल नहीं कर सकती ।
कर्मचारी और शिक्षक विरोधी है सरकार:-
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों और शिक्षकों का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार कर्मचारियों और शिक्षकों के खिलाफ निर्णय ले रही है इससे साबित हो रहा है कि सरकार कर्मचारी और शिक्षक विरोधी है।
सत्ता पलटने में सक्षम है मंच:-
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि विधायक और सांसद को 5 साल के कार्यकाल पर पेंशन मिलती है तो कर्मचारी अधिकारियों और शिक्षकों को 30 से 35 वर्षों की सेवा के बाद भी पेंशन क्यों नहीं मिलती है उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो मंच सत्ता पलटने में भी सक्षम है।
कर्मचारियों के साथ सरकार कर रही सौतेला व्यवहार:-
मंच के प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी ने कहा राज्य कर्मचारियों की समस्याएं सरकार के सामने समाधान के लिए कई बार प्रस्तुत की गई है इसके बावजूद सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया उन्होंने बताया कि आज की महारैली ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंदर सरकार के प्रति बहुत आक्रोश है जिसका खामियाजा सरकार को विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ सकता है।