पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के आठ प्रश्नों पर आपत्ति
प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस)-2022 की प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन के आठ प्रश्नों पर प्रतियोगी छात्रों और विशेषज्ञों ने आपत्ति की है। दावा है कि दो प्रश्नों के अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद की त्रुटि है जबकि छह प्रश्न गलत है। इससे आयोग के विशेषज्ञों की योग्यता पर सवाल उठे हैं।सीरीज ए के प्रश्नसंख्या 46 में ‘काउंसिल ऑफ स्टेट्स का अनुवाद ‘राज्य विधान परिषदों किया गया है‚ जबकि यहां ‘राज्य सभा होना चाहिए। इसी प्रकार सीरीज ए के प्रश्नसंख्या 146 में ‘द यूनियन एंड इट्स टेरिटरी का अनुवाद ‘संघ तथा उसका कार्यक्षेत्र किया गया है‚ जबकि यहां ‘संघ और उसका राज्यक्षेत्र होना चाहिए।प्रश्नसंख्या दो में पूछा गया है कि उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित में से कौन-सा वन्यजीव अभयारण्य 1975 में बनाया गया था। इसमें विकल्प में दिए गए अभयारण्यों में किसी का स्थापना वर्ष 1975 नहीं है।
साथ ही विकल्प (डी) में रायपुर‚ दिया गया है जबकि इस नाम का कोई अभयारण्य यूपी में नहीं है।प्रश्नसंख्या 41 में जैव-आरक्षित क्षेत्रों का राज्यों से सुमेल करना है।सूची-दो में दिए राज्यों में यूपी भी है जिसका सुमेल दिए गए किसी भी जैव-आरक्षित क्षेत्र से नहीं है। इसके स्थान पर उत्तराखंड होना चाहिए तभी उसे नंदा देवी जैव-आरक्षित क्षेत्र से सुमेलित किया जा सकता है। प्रश्नसंख्या 64 (बेसिलस हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा कारक है) के दो उत्तर ‘मैनिनजाइटिस और ‘निमोनिया सही हैं।प्रश्नसंख्या 29 में ‘मानव विकास सूचकांक‚ 2022 के आधार पर देशों का अवरोही क्रम पूछा गया है‚ जबकि ‘मानव विकास सूचकांक‚ 2022 अभी जारी ही नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट जून अंत‚ में जारी होने की संभावना है। प्रश्नसंख्या 91 में सूची-एक में दिए गए ग्रंथ ‘चतुर्दंडी प्रकाशिका के रचनाकार ‘वेंकटमखिन थे जबकि सूची-दो में दिए रचनाकारों में इनके स्थान पर ‘वेंकटरमण दिया गया है‚ जो कि गलत है।सम-सामयिक घटना चक्र के विशेषज्ञों का दावा है कि प्रश्नसंख्या 105 में कारा कुम मरुस्थल का देश पूछा गया है। इस मरुस्थल का बड़ा भाग (70% से अधिक) तुर्कमेनिस्तान में विस्तारित है। इसका नवीनतम विस्तार कजाखिस्तान के अरल क्षेत्र में भी हुआ है‚ जिसे वहां अरल कारा कुम के नाम से जाना जाता है। चूंकि विकल्पों में दोनों ही देश हैं‚ अत: यह प्रश्न मूल्यांकन से बाहर किए जाने योग्य है।परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों प्रशांत पांडेय, सुमित वर्मा, मो. रिजवी, डॉ. अलका पांडेय, डॉ. पवन शर्मा, आशुतोष पांडेय आदि का कहना है कि आयोग जब प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों पर आपति मांगेगा तब साक्ष्यों के साथ आपत्ति दी जाएगी।