महिलाओं-दिव्यांगों के पद चुन लिए ओबीसी अभ्यर्थी , 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में 6800 पदों का मामला

69000 सहायक अध्यापक भर्ती में जिन 6800 पदों पर ओबीसी व एससी , एसटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की तैयारी थी , वे पद महिला अभ्यर्थियों और दिव्यांगों के थे क्योंकि भर्ती में इन्हें पर्याप्त आरक्षण नहीं मिल सका था । इसका खुलासा राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल पांच जनवरी 2022 के शासनादेश से हुआ ।

यह शासनादेश अब तक किसी के सामने नहीं आया था । हालांकि 6800 अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति के विरुद्ध दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट की प्रधान पीठ और लखनऊ बेंच से पहले ही रोक लग चुकी है । राज्य सरकार की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर पांच जनवरी 2022 को जारी शासनादेश दाखिल किया गया । यह शासनादेश प्रतीक मिश्र की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट के निर्देश पर दाखिल किया गया । इसकी एक प्रति याची के अधिवक्ता को भी देने का निर्देश दिया था ।

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना है कि याचिका में 6800 अतिरिक्त पदों की नियुक्ति रोकने की मांग की गई है क्योंकि 69000 पदों पर चयन व नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है । इस संबंध में जब कोर्ट ने पांच जनवरी 2022 का शासनादेश तलब किया तो उससे जानकारी मिली कि शासनादेश दरअसल महिलाओं व दिव्यांगों को मिलने वाले क्षैतिज आरक्षण के संबंध में था , जिन्हें 69000 भर्ती में निर्धारित आरक्षण नहीं मिल सका । अधिवक्ता त्रिपाठी का कहना है कि पांच जनवरी 2022 का शासनादेश जारी होने के बाद उसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया । हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पहली बार इसे सामने लाया गया है ।

शासनादेश से स्पष्ट है कि महिलाओं और दिव्यांगों का आरक्षण नियमानुसार पूरा कर नई चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया गया था । और इनके स्थान पर ओबीसी व एससी , एसटी अभ्यर्थियों को सीधा आरक्षण देते हुए चयन कर लिया गया । नई चयन सूची भी जारी कर दी गई लेकिन इस पर काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होती , उससे पहले ही हाईकोर्ट ने रोक लगा दी ।


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