परिषदीय शिक्षकों की पेंशन में भी घोटाला, घोटाले की होगी उच्चस्तरीय जांच, समिति गठित

एनपीएस कटौती की रकम निजी कंपनी में लगाई, जिले के सैकड़ों शिक्षकों के लाखों रुपये टांसफर

प्रयागराज जिले के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सैकड़ों शिक्षकों-कर्मचारियों की पेंशन की 80 करोड़ से अधिक रकम निजी कंपनी में निवेशित करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सैकड़ों शिक्षकों की पेंशन में घोटाले का खुलासा हुआ है।

परिषदीय शिक्षकों ने भी एडेड कॉलेजों की तरह राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) की अपनी रकम एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई में निवेशित करने की सहमति दी थी। लेकिन बगैर सहमति सैकड़ों शिक्षकों की धनराशि निजी कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। उदाहरण के तौर पर एक शिक्षक नरेंद्र कुमार सिंह का एनपीएस अप्रैल 2022 से कटना शुरू हुआ। बिना उनकी सहमति के सितंबर 2022 को उनकी धनराशि एचडीएफसी में निवेशित कर दी गई। दोबारा बगैर उनके अनुरोध या सहमति के जून 2023 में उनकी धनराशि एचडीएफसी से हटाकर मैक्स लाइफ में कर दी गई।

शिक्षकों का कहना है कि वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से सम्पर्क करने पर बताया जाता है कि उनके स्तर से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह परिवर्तन एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड) ने किया है। एनएसडीएल के टोल फ्री नंबर पर बात करने पर बताया गया कि यह परिवर्तन आहरण वितरण अधिकारी (डीडीओ), जो बेसिक के वित्त एवं लेखाधिकारी होते हैं, कार्यालय से हुआ है।

इन शिक्षकों की रकम निजी खातों में ट्रांसफर

कल्पना सिंह की 10.90 लाख रकम, ऋषि कुमार की 10.25 लाख, शिव शंकर निराला और राम अवतार की 4.574.57 लाख, अजय कुमार यादव की 3.49 लाख, संजय कुमार उपाध्याय 3.45 लाख, जया लक्ष्मी 3.21 लाख, वंदना वर्मा की 2.81 लाख, लल्लन सिंह 2. 29, संजय कुमार की 1.28 लाख, राकेश कुमार यादव की 1.06 लाख, नम्रता गुप्ता की 1.21 लाख, सीता यादव की 2.22 लाख समेत कई शिक्षकों की रकम निजी कंपनियों में लगाई गई है।

घोटाले की होगी उच्चस्तरीय जांच, समिति गठित

प्रयागराज सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सैकड़ों शिक्षकों-कर्मचारियों की पेंशन की रकम निजी कंपनियों में निवेशित करने के मामले में उच्च स्तरीय जांच होगी। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव को जांच के आदेश दिए हैं। पहले मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आरएन विश्वकर्मा और डीआईओएस कार्यालय की वित्त एवं लेखाधिकारी से जांच सौंपी गई थी। लेकिन अब शिक्षा निदेशालय के अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। उप शिक्षा निदेशक मुख्यालय रामचेत सदस्य सचिव हैं। और वित्त नियंत्रक पवन कुमार को सदस्य नामित किया गया है।

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