निपुण लक्ष्य एप से कक्षा एक से तीन तक के बच्चों का होगा आकलन, आफलाइन भी कर सकेंगे प्रयोग, डायट मेंटर, एसआरजी, एआरपी को जिम्मा

परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 75 लाख से अधिक छात्र छात्राओं को अलग तरीके से भाषा संख्या ज्ञान नहीं कराया जा रहा बल्कि बच्चों को साथ – साथ परीक्षा भी देते रहना होगा । बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए तकनीक का सहारा ले रहा है । निपुण लक्ष्य एप माध्यम से जांचा जाएगा कि बच्चे अब तक कितने दक्ष हुए हैं और किस क्षेत्र में शिक्षक व अभिभावकों को अभी मेहनत करने की जरूरत है । विभाग में दीक्षा आदि एप पहले से संचालित हैं ।

कोरोना महामारी के विकट दौर में परिषदीय विद्यालयों में दो वर्ष तक पढ़ाई प्रभावित हुई है । बच्चों के स्कूल जाने का असर उनके मानसिक विकास पर भी असर पड़ा । केंद्र सरकार ने विद्यालय खुलते ही निपुण भारत मिशन शुरू किया । इसमें कक्षा एक से तीन तक में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में पहले तरह जोड़ा जाना है । बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए विस्तृत तैयारियां की पठन – पाठन के लिए संदर्शिका , निपुण लक्ष्य तैयार करके शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षित किया गया है । सभी बच्चे पढ़ाई करें और रोज स्कूल आएं इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है । इसीलिए पढ़ाई पुराने ढर्रे को पीछे छोड़कर रोचक खेल – खेल के अंदाज में हिंदी भाषा गणितीय दक्षताओं में उन्हें निपुण बनाया जा रहा है ।

निपुण लक्ष्य में अंकित दक्षताओं के आकलन के लिए विभाग ने निपुण लक्ष्य एप तैयार किया गया । कक्षाओं में इसका आफलाइन उपयोग किया जा सकता है । इस एप को रीडिंग एलांग एप के माध्यम से जोड़ा गया है । एप में विषय विशेषज्ञों की और से बच्चों के उपयोग में आने वाले प्रश्न तैयार अपलोड किए गए हैं । वैसे तो इस एप का उपयोग डायट मेंटर , स्टेट रिसोर्स ग्रुप एसआरजी व अकादमिक रिसोर्स परसन यानी एआरपी स्कूलों में जाकर करेंगे परीक्षण |

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