अब शिक्षक भी बनाएंगे डायरी, स्कूलों में छपेगा बाल अखबार

यूपी बोर्ड के एकेडमिक कैलेंडर में दी गई व्यवस्था , स्कूलों को करना है पालन

लखनऊ:- अब शिक्षकों को भी छात्रों की तरह करना होगा और अपनी शिक्षण योजना का उल्लेख करना होगा । एकेडमिक कैलेंडर में यूपी बोर्ड के स्कूलों के शिक्षकों के लिए शिक्षक डायरी बनाने और उसकी व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है वहीं स्कूलों को अपनी स्मारिका व बाल अखबार का प्रकाशन करना होगा , जिसमें छात्रों के लेख को शामिल करना होगा । शिक्षकों को अपनी डायरी में शैक्षिक समेत अन्य कार्यों का उल्लेख करना होगा । एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार माह में पाठ्यक्रम का कितना हिस्सा पढ़ाएंगे , रोजाना पढ़ाए जाने वाले पाठ , एसाइनमेंट आदि का उल्लेख करना होगा । रोजाना के शिक्षण कार्य से संबंधित छात्रों को दिए जाने वाले गृहकार्य व एसाइनमेंट का उल्लेख करना होगा । राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि शिक्षक डायरी में शिक्षकों को रोजाना उन टॉपिकों का उल्लेख करना होगा जिन्हें वे अगले दिन क्लास में पढ़ाएंगे । किन उदाहरण , किस तरीके से पढ़ाएंगे उसको लेकर कार्ययोजना बतानी होगी । इसके अलावा स्कूलों को प्रधानाचार्य ने बताया कि स्मारिका में सालभर की स्कूली गतिविधियों का समावेश करना होगा । शिक्षकों के लेख समेत छात्रों के लेख भी शामिल करने होंगे । इससे छात्रों की रचनात्मकता बढ़ेगी । वहीं , बाल अखबार का स्वरूप इससे अलग होगा । यह महज दो से चार पन्ने का हो सकता है , जिसमें कुछ खबरों के अलावा रोचक बातें होंगी । इनका लेखन छात्र ही करेंगे ।

स्कूलों में लगेगी शिकायत पेटिका-

स्कूलों में शिकायत पेटिका भी लगाई जाएगी । एकेडमिक कैलेंडर के माध्यम से इसके निर्देश दिए गए हैं । खासकर उन स्कूलों में जिनमें बालिकाएं अध्ययन करती हैं , वहां पर अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश हैं , ताकि छात्र – छात्राएं अपनी समस्याओं व शिकायतों को लिखकर पेटी में डाल सकें । स्कूलों को इसके समाधान के लिए कमेटी का गठन करना होगा । उनके सामने ही शिकायतें पढ़ी जाएंगी और उनका हल निकाला जाएगा । अपनी स्मारिका और बाल अखबार का भी प्रकाशन करना होगा । एकेडमिक कैलेंडर में इसका भी उल्लेख किया गया है ।


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