वर्तमान में एक माह का समय , अपरिहार्य परिस्थिति में एक महीने और मिल जाता है विस्तार करते समय कार्यभार ग्रहण करने के लिए एक माह का

लखनऊ:- सरकारी नौकरी में चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण करने के लिए अब पहले से अधिक समय मिलेगा । तय समय में कार्यभार ग्रहण न कर पाने पर पहले से ज्यादा समय विस्तार भी दिया जा सकेगा । हालांकि , प्रथम नियुक्ति आदेश की प्राप्ति के छह माह के बाद कार्यभार ग्रहण न करने पर चयनित अभ्यर्थी का नियुक्ति आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा । शासन ने इस संबंध में दिशा – निर्देश जारी किए हैं । प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं व अन्य भर्ती संस्थाओं से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के संबंध में 15 नवंबर 1999 की व्यवस्था लागू है । इसके तहत संबंधित विभागों से चयन संस्तुतियां व आवंटन प्राप्त होने के तीन महीने के अंदर नियुक्ति आदेश जारी करना अनिवार्य है ।

नियुक्ति आदेश जारी समय देने और अपरिहार्य परिस्थितियों में एक माह और समय बढ़ाने की व्यवस्था है । अक्सर चयनित अभ्यर्थियों को कई कारणों से इस समय सीमा में कार्यभार ग्रहण करने में मुश्किलें आती हैं । शासन ने इस कठिनाई के समाधान के लिए कार्यभार ग्रहण करने की समयसीमा को अब अधिक व्यावहारिक बना दिया है ।

अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ . देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्व की तरह संबंधित विभागों की संस्तुतियां व आवंटन प्राप्त होने के तीन माह में ही नियुक्ति आदेश जारी करना सुनिश्चित किया जाएगा । लेकिन , प्रथम नियुक्ति आदेश जारी करते समय चयनित अभ्यर्थी को कार्यभार ग्रहण करने के लिए नियुकि आदेश प्राप्ति से एक से दो माह का सम दिया जा सकेगा । यदि चयनित अभ्य समय बढ़ाने के लिए औचित्य सहि प्रार्थनापत्र देता है तो प्रशासकीय विभा प्रथम नियुक्ति आदेश प्राप्त करने अधिकतम तीन माह तक उदारतापूर्व विस्तारित कर सकेगा ।

यदि चयनित अभ्यर्थी प्रथम नियुकि आदेश प्राप्त करने से तीन माह से अधि समय की मांग करता है तो उस प अपरिहार्य कारण होने पर ही विचार होग इसके लिए प्रशासकीय विभाग कार्मिक विभाग से परामर्श लेने के बाद समा विस्तार देगा । लेकिन , ऐसा विस्तार प्रथ नियुक्ति आदेश की प्राप्ति के दिनांक छह महीने से अधिक नहीं होगा । छह मा में कार्यभार ग्रहण न करने पर चयनि अभ्यर्थी का नियुक्ति आदेश स्वतः निर हो जाएगा ।


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