अब अनुभवी और प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षाधिकारी बन सकेंगे बीएसए
अब अनुभवी और प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षाधिकारी बन सकेंगे बीएसए
05 सदस्यीय कमेटी तय करेगी मानक, सात नवंबर को बैठक, फील्ड में काम करने का अनुभव न होने से बढ़ रहे कोर्ट केस
लखनऊ : प्रदेश में अब बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) के पद पर अनुभवी व प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षाधिकारियों को ही तैनात किया जाएगा। ऐसे बीएसए जिन्हें कम अनुभव है, उनके कारण कोर्ट केस लगातार बढ़ रहे हैं।
ऐसे में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी इस पद पर तैनाती के लिए शिक्षाधिकारियों के अनुभव और उन्हें प्रशिक्षण दिलाने के लिए मानक तय करेंगे।
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सात नवंबर, 2022 को यह कमेटी बैठक करेगी। बैठक में उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा में समूह ख के कुल 1,449 पद हैं। इसमें बीएसए, सह जिला विद्यालय निरीक्षक (एडीआइओएस) इनके व समकक्ष राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य और डायट प्रवक्ता के पद शामिल हैं। इन्हीं शिक्षाधिकारियों में से 75 जिलों में समय-समय पर बीएसए तैनात किए जाते हैं। कम अनुभव होने के कारण जिलों में कोर्ट केस और विवाद बढ़ रहा है। तमाम बीएसए दंडात्मक कार्रवाई होने के कारण जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) पद पर प्रोन्नत नहीं हो पा रहे हैं।
30 जून 2023 तक प्रदेश में डीआइओएस के 50 प्रतिशत तक पद खाली हो रहे हैं। ऐसे में अब बीएसए पद पर तैनाती के लिए एडीआइओएस पद पर काम करने का न्यूनतम अनुभव और तीन या छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त होना जरूरी होगा। सात नवंबर को कमेटी की पहली बैठक में इसके लिए नियम कानून तय किए जाएंगे।
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