अब बेटियां डिजिटल पढ़ाई में होगी दक्ष, कंप्यूटर व मोबाइल का मिलेगा प्रशिक्षण

अलीगढ़:-अब जिले की बेटियों के लिए केवल digital infrastructure ही नहीं खड़ा किया जाएगा, बल्कि उनको digital learning में भी दक्ष बनाया जाएगा। कंप्यूटर के साथ उनको मोबाइल चलाने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए educational material कैसे खोजी जाएगी? किसी पाठ्य सामग्री को कैसे डाउनलोड कर उसको सेव किया जाएगा? डाक्स या पीडीएफ फाइलें कैसे बनती हैं? आदि कई प्रकार की जानकारियों से उनको लैस किया जाएगा। ये पहल जिले में बने पांच राजकीय बालिका आवासीय विद्यालयों में छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद किया जाएगा।

पांच राजकीय आवासीय विद्यालयों का निर्माण:

Secondary Education Council की व्यवस्‍था के तहत जिले में पांच राजकीय आवासीय बालिका इंटर कालेजों का निर्माण किया जा चुका है। अब यहां छात्राओं के नामांकन बढ़ाने की प्रक्रिया भी चल रही है। दौरऊमोड़, सहनौल, दत्ताचोली, गोधा व कलाई में राजकीय आवासीय बालिका विद्यालयों का निर्माण किया जा चुका है। अब यहां डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।इन विद्यालयों में Basic education department के स्कूलों से आठवीं पास करने वाली छात्राओं को प्रमुखता से प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही आधुनिकता के साथ शिक्षित भी किया जाएगा। अब इन विद्यालयों में फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। कोविड-19 दौर में आनलाइन माध्यम पर आश्रित हुई शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए ये कदम उठाया गया है। परिषद की ओर से सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से उनके यहां उपलब्ध इंटरनेट सुविधा का ब्योरा मांगा गया है।हालांकि जिले में अभी तक लगभग किसी भी कालेज में high speed fiber internet connection की सुविधा नहीं है। इन कालेजों को इस सुविधा से लैस करने को सूचना मांगी गई है। जिले में 94 एडेड, 34 राजकीय व करीब 779 वित्तविहीन कालेज हैं। कालेजों में इंटरनेट की सुविधा बेहतर होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा। इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास व सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के लिए ब्राडबैंड रेडीनेस इंडेक्स के आकलन के संबंध में सूचना मांगी गई है।

“आठवीं पास करने वाली छात्राओं को आगे की शिक्षा से जोड़ने व उनको तकनीकी ज्ञान कराने के लिए शासनस्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। छात्राओं को डिजिटल व vocational education उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था की जा रही है।”-सुभाष गौतम, In-charge DIOS


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