शासन के आदेश पर राज्य स्तर से स्कूलों का नाम मिलेगा, उसी दिन बीईओ को करनी होगी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी

सुलतानपुर:-परिषदीय प्राथमिक , उच्च प्राथमिक तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का औचक निरीक्षण अब खंड शिक्षाधिकारी नहीं कर सकेंगे। राज्य स्तर से विभागीय अधिकारियों की ओर से उन्हें स्कूलों का नाम दिया जाएगा । उसी दिन बीईओ को औचक निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट देनी होगी राज्य परियोजना निदेशक व स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद इस आशय का आदेश जारी किया है।

शिक्षा विभाग में ज्यादा सख्ती:-

डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जारी आदेश में स्कूलों के निरीक्षण मानक तय किया है । अब प्रार्थना पत्र देकर स्कूल से अवकाश मान लेने काम नहीं चलेगा । सीएल विवरण नम्बर देना होगा । निरीक्षण के समय अनुपस्थित शिक्षकों को भागों में बांटे जाने का फरमान जारी किया है । इसमें निरीक्षण समय स्कूलों से अवकाश प्राप्त अनुपस्थित शिक्षकों के बारे में निर्धारित प्रोफार्मा वाले कालम में शिक्षक अवकाश के बारे में ब्योरा लिखा जाएगा । इसमें अवकाश का रिफ्रेन्स नम्बर अंकित किया जाएगा ।

इसके अलावा निरीक्षण के समय बिना अवकाश प्राप्त किए तथा बिना सूचना के स्कूल से अनुपस्थित मिलने वाले शिक्षकों का कालम अलग होगा इस कालम में ईएचआरएमएस आईडी अंकित किया जाएगा । ताकि सम्बंधित के जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के लॉगिन स्तर पर ऐसे अनुपस्थित शिक्षकों के नाम ईएचआरएमएस आईडी , विद्यालय ब्लॉक आदि की सूची दिन के अनुपस्थित शिक्षकों जिनपर कार्यवाही की जानी है । इस लिंक पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्तर पर लॉगिन पर उपलब्ध होगी ।

बीईओ पर धन उगाही का लगता था आरोपः

शासन व जिला प्रशासन की और से समय – समय पर परिषदीय विद्यालयों को शिक्षा व्यवस्था को ठीक रखने तथा शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति आदि को दुरुस्त करने के लिए खण्ड शिक्षाधिकारियों की ओर स्कूलों की जांच की जाती रही है । ऐसे मामलों में बीईओ निरीक्षण कर जांच तो कर लेते थे , लेकिन कार्रवाई करने का डर दिखाकर शिक्षकों से उगाही करते थे । इस तरह के कई आरोप लग चुके । कुछ स्कूलों की जांच बीईओ खुद अपनी ओर से कर लेते थे ।

शासन स्तर पर इसको लेकर काफी समय से मंथन चल रहा था । राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद की ओर से जारी आदेश के बाद बीईओ की मनमानी चेकिंग पर रोक लग जाएगी ।। हालांकि शिक्षकों को भी अब गलत अवकाश प्राप्त करने में काफी कठिनाई होगी । इसके बाद भी और सख्ती की तैयारी चल रही है ।

बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुशासन और समय पालन के कड़े निर्देश दिए गए हैं । शासन स्तर से शिक्षकों के काम की निगरानी का तंत्र विकसित किया जा रहा है । ऐसा माना जा रहा है प्रदेश की बदनाम प्राथमिक शिक्षा पटरी पर फिर लौटेगी ।


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