लखनऊ:- विद्यालय समय पर व्हाट्सएप स्टेटस लगाने वाले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को विभागीय अधिकारी नोटिस थमा रहे हैं। अफसर, स्टेटस डालने को विभाग को छवि खराब करना बताते हुए स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। उधर शिक्षक इस कार्यवाही के विरोध में उतर आए हैं।

परिषदीय शिक्षक इन दिनों जैसे ही व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाते हैं या उसमें बदलाव करते हैं तो तुरंत संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी इसकी जांच करते हैं। विद्यालय अवधि में कितने शिक्षकों ने ऐसा किया उसकी सूची बनाकर नोटिस भेजा जाता है। मोहनलालगंज में शिक्षकों को रोजाना ऐसे नोटिस मिल रहे हैं। महिला दिवस पर मामला तब बढ़ गया था, जब खंड शिक्षा अधिकारी मनीष सिंह ने परिषदीय विद्यालयों के एक साथ 12 शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्टेटस बदलने का स्पष्टीकरण मांग लिया था इनमें से 8 शिक्षिकाएं हैं।

अधिकतर शिक्षिकाओं ने महिला दिवस से संबंधित स्टेटस लगाया था। नोटिस में बीईओ मनीष सिंह ने कहा कि स्कूल अधि में स्टेटस लगाना शिक्षकों की अनुशासनहीनता दिखाता है। इससे ऐसा लग रहा है कि उनकी शिक्षण कार्य में रुचि नहीं है। वह बेसिक शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल कर रहे हैं। क्यों न शिक्षक नियमावली के तहत विभागीय कार्रवाई की जाए। शिक्षकों को खंड शिक्षा अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है।

अधिकारी मांग रही स्पष्टीकरण कार्रवाई के विरोध में आए शिक्षक, तो विद्यालय अवध में बंद हो मोबाइल का इस्तेमाल

आक्रोशित शिक्षको ने संगठन के माध्यम से आवाज उठा रहे हैं। आरोप लगाया कि अफसरों ने धन उगाही का नया तरीका निकाला है। नोटिस बिना पत्रांक संख्या के भेजे जा रहे हैं। उच्च अधिकारियों को भी इसकी भनक है पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं।

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष लल्ली सिंह ने बताया कि हम लोगों के फोन में 8 से 10 सरकारी एक अपलोड होते हैं। एमडीएम, दीक्षा, प्रेरणा, डीबीटी, एसीआर छात्रों की फीडिंग समेत सारी सूचनाएं फोन से देनी होती हैं। वही पिक्चर से लेकर वीडियो तक समेत कई पाठ्य सामग्री, सूचनाएं, स्कूल के दौरान भेजी जाती हैं। विभाग रोजाना सूचनाएं वह जवाब मोबाइल से ही मांगी जाती है। इस पर ध्यान नहीं दिया तो अधिकारी गुस्सा हो जाते हैं। इस बीच कुछ सेकेंड में कोई स्टेटस अपडेट करता है तो इसे अनुशासनहीनता मान लिया जाता है। उन्होंने कहा कि स्कूल अवधि में मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाए

“इस तरह की कार्रवाई का कोई आदेश नहीं है मामला संज्ञान में नहीं है इसके बारे में पता करूँगा।”-विजय प्रताप सिंह, बीएसए


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