High Court (हाईकोर्ट)

हाईकोर्ट का आदेश : बिना टीईटी पास माइनॉरिटी स्कूल के टीचरों को वेतन नहीं, एक बेंच के आदेश पर लगाई रोक


हाईकोर्ट का आदेश : बिना टीईटी पास माइनॉरिटी स्कूल के टीचरों को वेतन नहीं, एक बेंच के आदेश पर लगाई रोक

प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय के टीचरों की बगैर टीईटी पास की गई नियुक्ति को प्रथमदृष्टया सही न मानते हुए वेतन देने के एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी है। प्रबंधक की ओर से बिना टीईटी अर्हता के सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय में दो टीचरों की नियुक्ति वर्ष 2012 में की गई थी।

एकल जज ने इन दोनों शिक्षकों की नियुक्ति को सही मानते हुए उनकी नियुक्ति की तिथि अगस्त 2012 से साढ़े सात प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का निर्देश दिया था। यह भी कहा था कि भुगतान न करने पर बकाया राशि की वसूली साढ़े बारह फीसदी ब्याज के साथ की जाए। यह आदेश जस्टिस मनोज मिश्रा एवं जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील पर पारित किया है। विशेष अपील दायर करके प्रदेश सरकार ने एकल 20 जून 2022 के आदेश को चुनौती दी थी।

प्रदेश सरकार की और से अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय का तर्क था कि निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 की धारा 23 के अंतर्गत एकेडमिक अथॉरिटी ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की शैक्षिक अर्हता निर्धारित कर दी है। एनसीटीई ने 20 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी कर पूरे देश में प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की नियुक्ति के लिए टीईटी पास होने की शैक्षिक अर्हता निर्धारित कर दी। इस अधिसूचना के अनुसार 20 अगस्त 2010 के बाद प्राइमरी स्कूलों के टीचरों की नियुक्ति के लिए टीईटी अर्हता रखना अनिवार्य कर दिया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि मुरादाबाद के फलाह-ए-दरेन इंटर कॉलेज कनथ दरवाजा स्ट्रीट विद्यालय के दो टीचरों, मुशाहिद अली खान तथा मोहम्मद नाजिम की नियुक्ति प्रबंधक ने अगस्त 2012 में की है। नियुक्ति की तिथि पर यह दोनों टीचर टीईटी पास नहीं थे। इस कारण इनकी नियुक्तियां अवैध हैं और एकल जज की ओर से इनके वेतन भुगतान का आदेश देना भी है। टीचरों की ओर से अधिवक्ता जेपी सिंह का कहना था कि अल्पसंख्यक विद्यालयों में निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 लागू नहीं होता। ऐसी स्थिति में इन टीचरों के लिए टीईटी की अर्हता जरूरी नहीं है। हाईकोर्ट ने इन टीचरों के वेतन भुगतान आदेश को लेकर पारित एकल जज के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों पक्ष अपनी लिखित बहस कोर्ट के सामने प्रस्तुत करें कि क्या अल्पसंख्यक विद्यालयों के अध्यापकों को टीईटी की जरूरी योग्यता रखने के लिए सरकार उन्हें विवश कर सकती है। क्या सरकार का यह कदम उन्हें संविधान में प्रदत्त अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा। हाईकोर्ट सरकार की इस विशेष अपील पर 21 जनवरी 2023 को सुनवाई करेगी।

आदरणीय शिक्षकगण आप हमारे Whatsapp Group एवं टेलीग्राम से जुड़ सकते है!     https://chat.whatsapp.com/IRUs0CxSY0d7zubM2XU1C9 टेलीग्राम:https://t.me/nipunbharat


Related Articles

Leave a Reply

Back to top button