राजधानी के 413 निपुण स्कूलों के शिक्षकों को मिला सम्मान

राजधानी के 413 निपुण स्कूलों के शिक्षकों को मिला सम्मान
डीएम बोले- शिक्षा की गुणवत्ता ही स्कूल की मूल पहचान, शिक्षकों ने शैक्षिक गुणवत्ता और बेहतर करने का लिया संकल्प
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लखनऊ। शहर के 413 परिषदीय स्कूल डीएलएड प्रशिक्षुओं के आकलन में निपुण घोषित हुए हैं। इन स्कूलों के शिक्षकों को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को डीएम विशाख जी ने सम्मानित किया। शिक्षकों ने नए सत्र 2025-26 में भी स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता को और सुधारने का सर्कल्प लिया।
डीएम ने कहा, विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता ही मूल पहचान है। शिक्षक इस ओर भी ध्यान दें कि सरकारी स्कूलों के बच्चे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में शामिल हो सकें।
सरोजनीनगर के 99, कोकारी 80, बीकेटी 76, गोसाईगंज 57, मोहनलालगंज 36, चिनहट 17, मलिहाबाद में 15, माल में सात स्कूल निपुण हुए हैं। इस मौके पर सीडीओ अजय जैन, उप शिक्षा निदेशक अजय सिंह, एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी व बीएसए राम प्रवेश मौजूद रहे।
शून्य से पांच पर पहुंचा नगर क्षेत्र प्रथम बीएसए ने बताया कि प्राथमिक स्कूल कनौसी, प्राथमिक स्कूल किला मोहम्मदीनगर, प्राथमिक स्कूल मिर्जापुर, प्राथमिक स्कूल नया ऐशबाग, प्राथमिक स्कूल चित्रगुप्त नगर निपुण हुआ है। नगर क्षेत्र चार में आठ विद्यालय, नगर क्षेत्र में तीन और नगर क्षेत्र दो में तीन स्कूल निपुण हुए हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मन मोहा: बख्शी का तालाब स्थित प्राथमिक विद्यालय मल्लाहनखेड़ा के बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत किया। यहां बच्चों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर शिक्षा का महत्व बताया।
■ शिक्षकों को अभी और करनी होगी मेहनत : एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने कहा, शिक्षकों को अभी और मेहनत करनी होगी। इस साल 413 स्कूल निपुण हुए हैं। ये संख्या अगले साल 800 के पार होनी चाहिए।
■विद्यालय में बच्चों व शिक्षकों की नियमित उपस्थिति होगी तो परिणाम बेहतर आएगा। मंदाकिनी श्रीवास्तव, शिक्षिका, प्राथमिक स्कूल हसनपुर खेवली।
■ बच्चों से हम जितना मित्रवत व्यवहार करेंगे तो बच्चे रोज स्कूल आएंगे। शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर होगी। -पूनम सिंह, शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय निजामपुर मंझिगवां
- बच्चों को जितना हम रोचक ढंग से पढ़ाएंगे, उससे बच्चे की पढ़ाई और बेहतर होगी। कविता श्रीवास्तव, शिक्षिका प्राथमिक स्कूल परवर पश्चिम
■ बच्चों में शिक्षक के प्रति कोई भय नहीं होना चाहिए। हम जितना उन्हें प्यार से पढ़ाएंगे उतनी उनकी बेहतर पढ़ाई होगी। आराधना यादव, शिक्षिका प्राथमिक स्कूल ठकुराइन खेड़ा।