सरकार के नए शासनादेश के बाद रसोइयों पर गहराया संकट

छात्र संख्या के हिसाब से कई की हो सकती है छुट्टी, तय मानक के तहत मुरलीछपरा में अधिक

100 छात्र पर दो, 100 से 199 पर तीन, 200 से 300 पर चार व तीन सौ से ऊपर पर पांच रसाइये हैं तय

लालगंज:- रसोइया की नियुक्ति के संदर्भ में जारी नये शासनादेश के बाद कई रसोइयों की नियुक्ति पर ग्रहण लग गया है। उनकी आजीविका छीनने का खतरा मंडराने लगा है।

नये शासनादेश के तहत एक कैम्पस में स्थित दो विद्यालयों का विलय कर उसका प्रभार एक प्रधानाचार्य को दे दिया गया है। इससे एक तरफ विद्यालयों की संख्या कम हो गयी, वहीं रसोइया की नियुक्ति में छात्र संख्या का मानक बढ़ा दिया गया। मुरलीछपरा ब्लाक में कुल 124 विद्यालय थे। विलय के बाद इनकी संख्या घटकर 120 हो दिख रही है। गयी। इनमें 74 प्राथमिक विद्यालय, 23 कम्पोजिट तथा सात उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। नए शासनादेश के क्रम में रसोइयों का चयन 100 छात्र संख्या पर दो, 100 से 199 पर तीन, 200 से 300 पर चार तथा तीन सौ से ऊपर पर पांच निर्धारित की गयी है।

इस प्रकार एक विद्यालय पर अधिकतम पांच रसोइया ही रह सकती हैं। शासन द्वारा बच्चों का आधार फिडिंग कराने के निर्देश के बाद से फर्जी छात्र संख्या पर तो ग्रहण लग ही गया, सही संख्या का भी शत प्रतिशत आधार फिडिंग नहीं हो सका है।

इसके चलते पोर्टल पर छात्र संख्या कम शिक्षा क्षेत्र मुरलीछपरा के 120 विद्यालयों में वर्तमान में लगभग 16 हजार छात्र संख्या हैं। इनमें से मात्र 14 हजार का ही आधार फिडिंग है। इसके सापेक्ष वर्तमान में यहां 348 रसोईयों की नियुक्ति है। इनमें नौ का निधन हो चुका है। ऐसे में नये शासनादेश के मुताबिक इस ब्लाक में लगभग 280 रसोइयों की ही नियुक्ति होनी चाहिए। ऐसे में शेष 68 रसोइयों के ऊपर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

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