हाईस्कूल, इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए बोर्ड की नई गाइडलाइन- परीक्षार्थियों को होगा फायदा, ऐसे होगा मूल्‍यांकन

गोरखपुर:- यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की कापियों के मूल्यांकन में परीक्षकों की मनमानी नहीं चलेगी। बोर्ड ने परीक्षकों को हिदायत दी है कि प्रश्नों को भलि-भांति पढ़कर ही मूल्यांकन करें। बोर्ड ने परीक्षकों को यह भी स्पष्ट किया है कि हाईस्कूल व इंटर में कोविड के कारण विभिन्न विषयों में 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम में कटौती की गई थी, लेकिन कुछ प्रश्नपत्रों में कटौती किए गए पाठ्यक्रम से भी प्रश्न पूछ दिए गए। ऐसी स्थिति में छात्र ने उस प्रश्न को हल किया या नहीं दोनों ही स्थिति में उसे निर्धारित पूर्ण प्राप्तांक दिए जाएं।

ऐसे होगा मूल्‍यांकन

बोर्ड ने मूल्यांकन स्टेप बाइ स्टेप मार्किंग प्रक्रिया के अनुसार करने को कहा है। यानी यदि किसी प्रश्न के सही हल करने पर तीन अंक निर्धारित हैं और परीक्षार्थी ने यदि इनमें से प्रथम दो अंश सही लिखें हैं तो उसे दो अंक प्रदान किए जाएं, न कि मनमाने ढंग से एक या शून्य अंक दिया जाए।

अतिरिक्त उत्तर का मूल्यांकन न करने का निर्देश

अतिरिक्त उत्तर का मूल्यांकन न करने का निर्देश देते हुए बोर्ड ने परीक्षकों को उस पर अतिरिक्त एवं निरस्त लिखकर पूर्ण हस्ताक्षर करने को कहा है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि प्रश्न खंडों के निर्धारित अंकों से अधिक कतई न दिया जाए।

अच्‍छी होगी लिखावट तो मिलेंगे एक अतिरिक्त अंक

वे सभी छात्र जिनकी लिखावट अच्‍छी है और उन्होंने परीक्षा के दौरान अच्‍छी तरह से प्रश्नों का उत्तर दिया है तो प्रत्येक विषय/प्रश्नपत्र में छात्र को एक अंक अतिरिक्त मिलेंगे। परीक्षकों को बोर्ड ने इस बात का विशेष ध्यान रखने को कहा है कि परीक्षार्थी का प्राप्तांक प्रश्नपत्र पर निर्धारित पूर्णांक से अधिक न होने पाए।मूल्यांकन को लेकर बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसका शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। सभी मूल्यांकन केंद्रों को इससे अवगत करा दिया गया है। – ज्ञानेंद्र प्रताप स‍िंह भदौरिया, जिला विद्यालय निरीक्षक।


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