प्रोफेसर आलोक राय बने नई शिक्षा नीति कार्यान्वयन समिति के सदस्य, देश को पांच यूजीसी जोन में बांटकर नई शिक्षा नीति लागू करने की बनी रणनीति
लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति को मध्य क्षेत्र के 4 विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी गई। नई शिक्षा नीति को देशभर में लागू करने के लिए भारत सरकार ने उच्च शिक्षा मंत्रालय की तरफ से देश को पांच यूजीसी जोन में बांटा गया है ताकि सभी जगह एक साथ इसे ठीक से लागू किया जा सके। यह दायित्व प्रत्येक जोन में आने वाले विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों को सौंपा गया है। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय भी शामिल हैं।

उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार और यूजीसी की इस पहल में एनईपी के कार्यान्वयन की रणनीति तय करने और पूरे भारत में एक साथ क्रेडिट ट्रांसफर होने की प्रणाली को सुनिश्चित करने प्रोफेसर आलोक कुमार राय को छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य सहित केंद्रीय क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के प्रमुख संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। इस क्षेत्र के अन्य सदस्यों में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, शिव नादर विश्वविद्यालय गौतमबुद्धनगर, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी और ग्राफिक एरा डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति शामिल हैं। बुधवार को देशभर में कुलपतियों की एक ऑनलाइन बैठक में उच्च शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के अधिकारियों को बुलाया गया जिसमें देश भर में NEP को लागू करने का निर्णय लिया गया।
एलयू में लागू हो चुकी है NEP
लखनऊ विश्वविद्यालय में 2020-2021 सत्र से स्नातकोत्तर स्तर पर NEP संरचना को लागू किया जा चुका है। और सत्र 2021-22 में इसे स्नातक पर भी लागू करते हुए चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम जैसी प्रणाली शुरू कर दी जाएगी।