एनईपी का स्टिकर लगा 48 फीसदी तक किताबें महंगी

नमूने के रूप में प्रकाशक भेज रहे स्कूल, बदल जाएंगी किताबें 

स्कूलों का नया सत्र अप्रैल से लेकिन फरवरी में हो जाएंगे प्रवेश

कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों पर बोझ, स्कूल भी सहमत नहीं

कानपुर। एनईपी (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) का स्टीकर लगाकर किताबों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी गई। ये वृद्धि एक-दो नहीं, बल्कि 16 से 48 फीसदी तक की गई है। फिलहाल इसका दायरा कक्षा एक से आठवीं तक है।इसका कारण कागज की कीमतों में वृद्धि बताया जा रहा है। यही नहीं, सत्र 2023-24 में पब्लिक स्कूलों के बच्चों को जो किताबें दी जाएंगी उसका कंटेंट भी बदला होगा।स्कूलों के पास नमूने के रूप में किताबें पहुंचने भी लगी हैं। जहां नहीं पहुंचीं वहां प्रकाशकों से स्कूल संपर्क कर रहे हैं। कमोबेश सभी प्रकाशक नई शिक्षा नीति के तहत कंटेंट में बदलाव कर रहे हैं। इसका सीधा असर हो रहा है जो स्कूल किताबें नहीं बदलना चाहते थे, उन्हें मजबूरी में बदलनी पड़ रही हैं।

सभी प्रकाशक शामिल

कोलकाता, बेंगलुरु समेत स्थानीय प्रकाशकों तक ने प्री से लेकर कक्षा आठ तक की किताबों के दाम बढ़ा दिए हैं। उदाहरण के लिए सोशल साइंस की कक्षा एक की पुस्तक 229 रुपये की थी जो नए सत्र में 339 की होगी। आठवीं की 499 रुपये की जो किताब थी वह बढ़कर 579 रुपये की हो जाएगी। इसी तरह गणित में कक्षा एक की पुस्तक 339 रुपये की थी जो 439 की हो जाएगी। कक्षा आठ की गणित की पुस्तक 479 की थी जो बढ़कर 679 रुपये की हो जाएगी।

अभिभावकों पर बोझ बढ़ेगा

दाम बढ़ने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ना तय है। पुस्तकों की दरों में वृद्धि से नई एजुकेशन पॉलिसी के कारण किताबों में किया गया बदलाव और दूसरे कागजों की दर में हो रही वृद्धि को बताया जा रहा है। अभिभावकों के साथ सत्र में संकट यह भी है कि बच्चों के लिए पुरानी किताबों का उपयोग नहीं कर सकते।

एनईपी आधारित पुस्तकों की दरें:-
विषय:- अब —– पहले

सोशल साइंस 01 339 रुपये 229 रुपये
सोशल साइंस 02 359 रुपये 309 रुपये
सोशल साइंस 03 389 रुपये 329 रुपये
सोशल साइंस 04 409 रुपये 349 रुपये
सोशल साइंस 05 459 रुपये 379 रुपये
सोशल साइंस 06 539 रुपये 489 रुपये
सोशल साइंस 07 559 रुपये 499 रुपये
सोशल साइंस 08 579 रुपये 499 रुपये

“नई शिक्षा नीति लागू होनी है। इस कारण कंटेंट में बदलाव भी दिख रहा है। प्रकाशकों से बात की गई तो वह बताते हैं कि कागज का संकट और इसकी दरों में वृद्धि अत्यधिक है। इस कारण किताबें महंगी होना तय है। अभिभावकों के लिए मुश्किल भरा होगा।”- प्रतीक श्रीवास्तव, कोऑर्डिनेटरकानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन

एनईपी आधारित पुस्तकों की दरें:-
विषय: अब—– पहले

गणित 01 439 रुपये 339 रुपये
गणित 02 469 रुपये 369 रुपये
गणित 03 489 रुपये 379 रुपये
गणित 04 519 रुपये 389 रुपये
गणित 05 549 रुपये 399 रुपये
गणित 06 589 रुपये 409 रुपये
गणित 07 639 रुपये 429 रुपये
गणित 08 679 रुपये 479 रुपये

“किताबों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कोई ऐसी नीति बनाई जानी चाहिए जिससे महंगी पुस्तकों पर नियंत्रण हो सके। पुरानी पुस्तकें बच्चों को पढ़ने का अधिकार मिले। प्रकाशकों व स्कूलों पर नियंत्रण बनाने की जरूरत है।” – अभिमन्यु गुप्ता, पैरेंट्स एसोसिएशन

आदरणीय शिक्षकगण आप हमारे Whatsapp Group एवं टेलीग्राम से जुड़ सकते है!     https://chat.whatsapp.com/IRUs0CxSY0d7zubM2XU1C9 टेलीग्राम:https://t.me/nipunbharat


Leave a Reply