शैक्षिक सत्र 2025-2026 में सात पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी द्वारा विकसित की गई हैं
एक अप्रैल से शैक्षिक सत्र शुरू होने के बावजूद स्कूलों में नहीं पहुंचीं किताबें
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम क्रमशः कक्षावार अपनाया जा रहा है। कक्षा एक एवं दो में एनसीईआरटी द्वारा तैयार पाठ्यपुस्तकों को प्रदेश के संदर्भमें कस्टमाइज (अनुकूल) करके पढ़ाया जा रहा है। अब शैक्षिक सत्र 2025-2026 में कक्षा तीन के लिए सात पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी द्वारा विकसित की गई हैं, जिसे कस्टमाइज करके राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेजा गया है।
अभी यह पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध नहीं होने से विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जबकि नया शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से आरंभ हो गया है।
कक्षा तीन के लिए एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को राज्य शिक्षा संस्थान (एसआइई) के प्राचार्य नवल किशोर के निर्देशन में प्रदेश के संदर्भ में कस्टमाइज तक एससीईआरटी को भेजा जा चुका है। इसके अलावा अंग्रेजी विषय की पाठ्यपुस्तक को आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआइ) के प्राचार्य स्कंद शुक्ल के निर्देशन में कस्टमाइज कर भेजा गया है।
एनसीईआरटी द्वारा विकसित हिंदी की पाठ्यपुस्तक अब ‘वीणा 1’ नाम से जानी जाएगी, जो बेसिक शिक्षा परिषद की पाठ्यपुस्तक ‘पंखुड़ी’ के नाम से जानी जाती थी। इसी तरह गणित की पुस्तक ‘गणित मेला’ नाम से जानी जाएगी, जो ‘अंकों का जादू’ नाम से थी। उर्दू की पुस्तक ‘सितार-1’ कर दी गई है, जो ‘उर्दू जबां’ नाम से थी। पर्यावरण विषय की पुस्तक का नाम ‘हमारा अद्भुत संसार’ किया गया है, जो ‘हमारा परिवेश’ नाम से अब तक पाठ्यक्रम में थी। कला विषय अब तक कक्षा तीन में नहीं था, लेकिन अब हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में ‘बांसुरी-1’ नाम से पुस्तक विकसित की गई है। इसी तरह शारीरिक शिक्षा विषय भी ‘खेल योग’ नाम से पाठ्यक्रम में पहली बार शामिल किया गया है।
एनसीईआरटी द्वारा विकसित पाठ्यपुस्तकों में संस्कृत विषय का समावेशन नहीं किया गया है। ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद की पाठ्यपुस्तक संस्कृत पियूषम चलती रहेगी। इसके अलावा अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक रेनबो का नाम बदलकर संतूर किया गया है। इन किताबों की प्रतीक्षा है। कक्षा चार से आठ तक की परिषद की किताबें अधिकांश विद्यालयों में पहुंच गई हैं।