National Savings Certificate (NSC): आइये जाने सरल भाषा मे NSC के बारे में विस्तार से

NSC पर ब्याज दरें:-

राष्ट्रीय बचत पत्र की ब्याज दर, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी निर्णयों के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती है। वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर) के लिए निर्धारित NSC ब्याज दर 7.9% है। पिछली तिमाही (जुलाई- सितंबर) के लिए निर्धारित NSC ब्याज दर 7.9% थी। ब्याज दर में होने वाली कटौती के आधार पर ही वित्तीय बाज़ार में 10-आधार अंक (बेसिस पॉइंट) की कटौती होती है। NSC पर सालाना ब्याज जमा किया जाता है। इस योजना के लिए ब्याज की पिछली दरें नीचे दी गई हैं:

अवधि                                         ब्याज दर 

वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 7.6%

वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 7.6%

वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में 8.0%

वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 8.0%

वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 8.0%

वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में       7.9%

वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में 7.9%

NSC निवेश पर ब्याज सालाना लगता है, लेकिन निवेशक को मैच्योरिटी पर ही मिलता है।  

NSC की प्रमुख विशेषताऐं:-

पहले NSC दो अवधि में उपलब्ध थे – 5 वर्ष (NSC VIII) और 10 वर्ष (NSC IX) । चूँकि NSC IX को समाप्त कर दिया गया है, अब केवल 5 वर्षों की अवधि वाला NSC VIII ही खरीदा जा सकता है। NSC VIII की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

5 वर्ष की मैच्योरिटी अवधि वाले NSCको किसी भी भारतीय डाकघर से खरीदा जा सकता है

वित्त मंत्रालय से जारी दिशानिर्देशोंके अनुसार इसकी ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है

NSC में न्यूनतम निवेश राशि 100 रुपये है लेकिन इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के अंतर्गत NSC के तहत निवेश की गई वार्षिक 5 लाख रु. तक की राशि पर टैक्स कटौती लाभ मिलता है

ब्याज सालाना जमा किया जाता है लेकिन भुगतान मैच्योरिटी पर हीकिया जाता है जिसमें TDS की कटौती नहीं होती

NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए गिरवी संपत्ति के रूप में स्वीकार करते हैं

निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है (मृत्यु जो जाने की स्तिथि में)

राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदने के तरीके:- 

राष्ट्रीय बचत पत्र धारण करने के विभिन्न तरीके नीचे दिए गए हैं:

1.सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट:इसके तहत एक व्यक्ति स्वयं या नाबालिग की ओर राष्ट्रिय बचत पत्र खरीद सकता है

जॉइंट A टाइप सर्टिफिकेट:इसमें, दो निवेशक मिलकर एक राष्ट्रिय बचत पत्र ख़रीद सकते हैं और दोनों को मैच्योरिटी पर प्राप्य मुनाफ़ा बराबर हिस्सों में मिलता है

जॉइंट B टाइप सर्टिफिकेट:इसे भी दो लोग मिलकर खरीदते हैं लेकिन मैच्योरिटी पर प्राप्त मुनाफ़े का भुगतान दोनों में से केवल एक धारक को किया जाता है।

निवेश करने की योग्यता:-

राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश करने के लिए कुछ प्रमुख योग्यता शर्तें निम्नलिखित हैं:

सभी भारतीय निवासी NSC में निवेश कर सकते हैं

गैर-भारतीय नागरिक (NRI) नए NSC नहीं खरीद सकते हैं। हालाँकि, यदि किसी निवासी भारतीय ने NSC ख़रीदा है और मैच्योरिटी से पहले गैर-भारतीय नागरिक हो जाता है तब ऐसे NSC मैच्योरिटी तक धारण किये जा सकते हैं

ट्रस्ट और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) NSC में निवेश नहीं कर सकते हैं

HUF के कर्ता केवल अपने नाम से NSC में निवेश कर सकते हैं


राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश के लाभ:- 

NSC में निवेश करने के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

भारत सरकार द्वारासमर्थित होने के कारण यह निवेश लगभग जोखिम मुक्त है

सभी मौजूदा निश्चित मुनाफ़ा लिखत मेंसबसे अधिक मुनाफ़ा देता है

100 रुपये के न्यूनतम निवेश और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं होने के कारण कितना भी निवेश किया जा सकता है

आसानी से उपलब्धक्योंकि यह किसी भी भारतीय डाकघर से ख़रीदा जा सकता है

ये पत्र नाबालिग के नाम से भी खरीदे जा सकते हैं

वार्षिक5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स कटौती लाभ मिलता है

राष्ट्रीय बचत पत्र पर लागू टैक्स:-

NSC मुख्य रूप से टैक्स बचत निवेश हैं क्योंकि आयकर धारा 80C के तहत वार्षिक 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। अगर NSC पर कमाए गए ब्याज की गणना अलग ढंग से की जाती है। NSC से कमाए गए वार्षिक ब्याज को (पहले चार वर्षों के लिए) फिर से मूल रकम के साथ निवेश कर दिया जाता है। इसलिए यह टैक्स मुक्त है और धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के योग्य भी है (कुल 1.5 लाख रुपये की वार्षिक सीमा तक)। हालाँकि 5 वें वर्ष में कमाए गए ब्याज पर निवेशक के मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा है।

राष्ट्रीय बचत पत्र में कैसे निवेश करें:-

किसी भी भारतीय डाकघर में आवश्यक KYC दस्तावेज जमा करके NSC खरीदा जा सकता है। वर्तमान में NSC की ऑनलाइन बिक्री संभव नहीं है। 


NSC में निवेश करने के लिए मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:

NSCआवेदन फॉर्म भरें। NSC आवेदन फॉर्म ऑनलाइन और साथ ही सभी डाकघरों में उपलब्ध है।

आवश्यकKYC दस्तावेजों सेल्फ अटेस्टेड कॉपी जमा करें। वेरिफिकेशन के लिए मूल दस्तावेज़ अपने साथ अवश्य ले जाएँ

नकद/चेक के माध्यम से निवेश राशि का भुगतान करें

पत्र की ख़रीद पूरी होनेके बाद, NSC को डाकघर से प्राप्त किए जा सकते हैं

आवश्यक दस्तावेज़

सही तरीके से भरा गया NSC आवेदन फॉर्म

हाल ही की तस्वीर

पहचान प्रमाण – आधार,पैन इत्यादि

आवासीय प्रमाण – आधार, मतदाता पहचान पत्र, आदि

नकद/चेक के रूप में निवेश की जाने वाली राशि

इन दस्तावेजों को किसी भी भारतीय डाकघर में जमा करके NSC की ख़रीद की जा सकती है

राष्ट्रीय बचत पत्र का ट्रान्सफर:-

NSC को एक डाकघर से दूसरे डाकघर में अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रान्सफर किया जा सकता है, इससे मूल प्रमाण पत्र का ब्याज और मैच्योरिटी अवधि प्रभावित नहीं होगी। निवेशक निम्नलिखित विकल्पों के माध्यम से NSC ट्रान्सफर कर सकते हैं:

जिस मूल डाकघर से NSC जारी किया गया था वहाँ फॉर्म NC-32 भरकर जमा कर देने से दूसरे डाकघर में ट्रान्सफर किया जा सकता है

जिस डाकघर से NSCजारी हुआ है वहाँ फॉर्म NC-34 भरकर राष्ट्रीय बचत पत्र को एक धारक से दूसरे धारक को ट्रान्सफर भी किया जा सकता है। ऐसा योजना के मैच्योर होने तक केवल एक बार ही किया जा सकता है।

राष्ट्रीय बचत पत्र के बदले लोन:-

आप राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के बदले लोन प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके कुछ नियम और शर्तें हैं जो कि निम्नलिखित हैं:

केवल निवासी भारतीय ही NSC के बदले लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं

वर्तमान में कुछ प्रमुख निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक यह सुविधा प्रदान करते हैं

NSCपर लोन के लिए लागू सीमा, मैच्योरिटी की शेष अवधि पर निर्भर करता है

आवेदनकर्ता के साथ साथ अलग-अलग बैंक आधार पर ब्याज दर अलग-अलग होती है

लोनअवधि NSC की शेष मैच्योरिटी अवधि (मैच्योरिटी तक का बचा समय) के बराबर होती है।

NSC के बदले लोन की कुछ सामान्य विशेषताएं हैं, जैसे सीमा, ब्याज दर, अवधि आदि अलग-अलग आवेदक पर निर्भर होती हैं।

डुप्लीकेट राष्ट्रीय बचत पत्र जारी करना:- 

यदि NSC पत्र की मूल कॉपी खो गयी है, चोरी हो गयी है, नष्ट हो गयी है अथवा ख़राब हो गयी है तो आप पत्र की एक डुप्लिकेट कॉपी प्राप्त कर सकते हैं। आपको सिर्फ फॉर्म NC -29 भरकर इसे उस डाकघर में जमा करना है जहाँ से वह NSC जारी किया गया हो जो आप बदलना चाहते है।


 फार्म में भरी जाने वाली कुछ प्रमुख जानकारियाँ हैं:

कुल प्रमाणपत्र की जानकारी जैसे कि- सीरियल नंबर,मूल्यवर्ग, NSC जारी करने की तिथि आदि

जिस तारीख को बचत पत्र खरीदे गए थे

अन्य जानकारी के साथ बचत पत्र की डुप्लिकेट कॉपी के आवेदन के कारण का उल्लेख भी करना होगा

समय से पहले निवेश निकालना

NSC VIII की अवधि 5 साल के लिए सुनिश्चित है लेकिन कुछ विशिष्ट मामलों में लोग समय से पहले ऐसे को निकालना चाहते हैं जैसे:

NSC आवेदक की मृत्यु’-

किसी ऐसे गिरवीदार द्वारा जब्त करने पर जो राजपत्रित सरकारी अधिकारी हो

अदालत द्वारा NSC की समयपूर्व निकासी का आदेश देने पर

संबंधित सवाल:-

प्रश्न. NSC सर्टिफिकेट डिनोमिनेशन क्या है?

उत्तर: NSC को इन कीमतों में खरीदा जा सकता है, 100 रु. 500 रु. 1000 रु. 5000 रु. 10,000 रु. इन्हें ही डिनोमिनेशन कहते हैं


प्रश्न. NSC सर्टिफिकेट खरीदने पर क्या टैक्स लाभ मिलता है?

उत्तर: आयकर धारा 80 C के तहत NSC सर्टिफिकेट खरीदने पर 1.5 लाख रु. तक का टैक्स कटौती का लाभ मिलता है।


प्रश्न. एक व्यक्ति कितने NSC सर्टिफिकेट खरीद सकता है?

उत्तर: NSC सर्टिफिकेट की खरीद पर कोई सीमा नहीं है। एक व्यक्ति कितने भी NSC सर्टिफिकेट खरीद सकता है।


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