निपुण के नतीजों से पता चलेगी पढ़ाई की सच्चाई

प्रथम त्रैमासिक आकलन के लिए कराया गया एनएटी

पिछले टेस्ट से सबक लेते हुए विभाग ने दिखाई तेजी

रायबरेली। निपुण असेस्मेंट टेस्ट (एनएटी) के नतीजे आने के बाद पता चलेगा कि शिक्षकों ने कितनी मेहनत की है। अब तक बच्चे कितना काबिल बन पाए हैं। विभाग ने भी इस बार के टेस्ट में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शामिल कराने और बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए खास तैयारी की थी, क्योंकि पिछले सत्र में पहली बार कराए गए टेस्ट में बच्चों की उपस्थिति और नतीजों से विभागीय अफसरों की पोल खुल गई थी। परिणाम बहुत खराब आए थे तो फटकार मिली थी। पिछले शैक्षिक सत्र में पहली बार निपुण असेस्मेंट टेस्ट कराया गया था। इसमें पौने दो लाख बच्चों को भाग लेना था, लेकिन लगभग 40 हजार बच्चों ने टेस्ट नहीं दिया था। टेस्ट के बाद ओएमआर शीट को सरल एप पर अपलोड करना था

लेकिन सर्वर प्राब्लम की वजह से कई दिन तक प्रक्रिया चलती रही। इसके बावजूद लगभग 15 हजार बच्चों की ओएमआर शीट एप पर अपलोड नहीं हो पाई थी। नतीजे घोषित किए गए तो महज 23 फीसदी बच्चे ही अपनी कक्षा के अनुरूप काबिल पाए गए, जबकि 77 फीसदी फिसड्डी रहे। लगभग सवा लाख बच्चों के अंक 60 फीसदी से कम थे। पिछले सत्र के नतीजों को देखते हुए इस बार विभाग ने ज्यादा ध्यान दिया। शैक्षिक सत्र 2023-24 में प्रथम त्रैमासिक आकलन कराने के लिए एनएटी कराया गया। इसमें कक्षा एक से आठ तक के दो लाक 33 हजार 421 बच्चों को शामिल होना था, जिसमें 20 हजार 882 बच्चे अनुपस्थित रहे। जिन दो लाख 12 हजार 539 बच्चों ने टेस्ट दिया, उन सभी की ओएमआर शीट सरल एप पर अपलोड करा दी गई है। इस बार किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आई। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि एनएटी के लिए बच्चों की उपस्थिति पर जोर दिया गया। इस बार नतीजे अच्छे आएंगे।


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