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….तो फिर सर्दी की छुट्टी तक करना पड़ेगा तबादलों का इंतजार !


तो फिर सर्दी की छुट्टी तक करना पड़ेगा तबादलों का इंतजार !

लखनऊः तबादला नीति दिसंबर में जारी कर दी गई। उसके बाद मार्च में टाइम टेबल जारी हुआ। तब से रजिस्ट्रेशन की तारीख पर तारीख बढ़ती जा रही है। बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय (जिले के अंदर) और अंतरजपदीय (जिले के बाहर) म्यूचुअल तबादलों की प्रक्रिया कुछ इसी रफ्तार से चल रही है। सर्दी की छुट्टियां बीत गईं। अब गर्मी की छुट्टियां होने वाली हैं। शिक्षकों को आशंका है कि यही रफ्तार रही तो उन्हें फिर अगली सर्दियों की छुट्टियों तक तबादलों का इंतजार करना पड़ सकता है।

ऐसे चली प्रक्रिया:

शिक्षकों के अंतःजनपदीय तबादलों की नीति शासन ने 27 दिसंबर को जारी की थी। उसके बाद 6 जनवरी को अंतरजनपदीय तबादलों की नीति जारी की गई। उसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग टाइम टेबल जारी करना भूल गया। शिक्षकों की मांग पर 6 मार्च को अंतरजनपदीय और 12 मार्च को अंतःजनपदीय तबादलों के लिए टाइम टेबल जारी किया गया। इस टाइम टेबल का अक्षरशः पालन किया जाए तब अंतरजनपदीय तबादलों के आदेश 15 मई तक और अंतःजनपदीय तबादलों के आदेश 18 मई तक हो पाएंगे। उसके बाद कार्यभार ग्रहण करवाने की कार्यवाही शुरू हो सकती है।

तारीख पर तारीख

अब शिक्षकों को चिंता यह सता रही है कि प्रक्रिया पहले ही लेट हो चुकी है। टाइम टेबल जारी करने के बाद पहले पोर्टल पर ब्योरा अपडेट करने के लिए दो बार तारीख बढ़ाई गई। उसके बाद चार बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाई जा चुकी है। अब दो मई तक रजिस्ट्रेशन और ब्योरा रीसेट करने की तारीख बढ़ा दी गई है। अब जैसे-जैसे तारीख बढ़ रही है, शिक्षकों को चिंता सताने लगी है। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह का कहना है कि जब पता है कि शासनादेश के अनुसार सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में ही तबादले हो सकते हैं, तो फिर समय रहते प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं की जाती? शासन से नीति जारी होने के तीन महीने बाद क्यों टाइम टेबल जारी किया गया। शिक्षकों से अफसर हर काम समय पर चाहते हैं। विलंब होने पर उनको दंडित किया जाता है।


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