नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा, अगर शुरू से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जाएगी तो अच्छे समाज का निर्माण करने में मदद मिलेगी

हैदराबाद:- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए उन्हें नैतिक शिक्षा दी जानी चाहिए। मुर्मू यहां ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित समारोह में केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर एक छात्र ने उनसे पूछा कि क्या नैतिक मूल्यों के अध्ययन के अभाव में समाज में अवांछित घटनाएं हो रही हैं।

इस पर राष्ट्रपति ने कहा कि माता-पिता भी प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर बच्चों को उनकी किताबों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम पर ही ध्यान देते हैं। मैं हर जगह कहती हूं कि नैतिक शिक्षा को हमारे पाठ्यक्रम, हमारी प्रणाली में जोड़ा जाना चाहिए। अगर शुरू से ही नैतिक शिक्षा दी जाएगी तो इससे एक अच्छे समाज का निर्माण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने अपने भाषण में विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से महत्वपूर्ण सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षार्थी केंद्रित शिक्षा प्रणाली का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव न केवल छात्रों को व्यक्तिगत रूप से लाभान्वित करेगा, बल्कि राष्ट्र की समग्र प्रगति और विकास में भी योगदान देगा। पढ़ने के महत्व पर जोर देते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि पढ़ने की आदत आत्म-विकास के सबसे प्रभावी साधनों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कौशल है जो जीवन भर छात्रों की मदद करेगा। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन और अन्य लोग उपस्थित थे।

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