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किसकी जिम्मेवारी // डीबीटी से आई खाते में धनराशि, फिर भी बच्चों के पैरों में न ही जूते और न ही तन में नई ड्रेस


किसकी जिम्मेवारी // डीबीटी से आई खाते में धनराशि, फिर भी बच्चों के पैरों में न ही जूते और न ही तन में नई ड्रेस

मऊ:- जिले के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खाते में सरकार ने इस बार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी के तहत 1100 रुपए निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता मोजा खरीदने के लिए भेजी है। लेकिन अभी तक अधिकांश विद्यालयों में अभिभावकों ने बच्चों के लिए ड्रेस जूता मोजा आज नहीं खरीदा है।

विभाग का दावा है कि अब तक 106000 छात्रों के अभिभावकों के खाते में उक्त धनराशि दी जा चुकी है। लेकिन शनिवार को यह देखा गया कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चे बिना स्वेटर यूनिफॉर्म जूता मोजा पहने नजर आए। उधर खाते में धनराशि भेजने के बाद भी उसका प्रयोग न करने वाले अभिभावकों को धनराशि के उपयोग के लिए प्रेरित करते हो की बात कही जा रही है।

जिले में 1060 प्राथमिक विद्यालय तथा 442 उच्च प्राथमिक विद्यालयों 97 सहायता प्राप्त और 56 समाज कल्याण के विद्यालयों में लगभग 2 लाख से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं। सरकार की तरफ से सभी बच्चों को यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता मोजा और स्कूल बैग देने की बजाय इन वस्तुओं को खरीदने के लिए प्रत्येक बच्चे के अभिभावक के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी के तहत 1100 रुपए भेजे जाना है अभी तक एक लाख 6 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में पैसा हस्तांतरित किया जा चुका है वहीं करीब 40,000 से अधिक बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजा जाना शेष है।

उधर 9 ब्लॉकों के एक लाख से अधिक बच्चों के अभिभावकों के खाते में राशि आने के बाद भी उनके द्वारा धनराशि बच्चों पर खर्च नहीं की गई है। जिसके चलते बच्चे बिना ड्रेस के ही विद्यालय जाने को विवश हैं। शनिवार को अभिभावकों के खाते में भेजी गई धनराशि का प्रयोग हो रहा है या नहीं इसकी हकीकत जानने के लिए कोपागंज ब्लाक के  कोपागंज कंपोजिट विद्यालय तथा कोपा कोहना परिषदीय विद्यालय प्रथम का जायजा लिया गया। यहां कम्पोजिट विद्यालय में विद्यालय में 671 बच्चों में अधिकांश बच्चे उपस्थित मिले लेकिन इसमें 80 फ़ीसदी से अधिक बच्चे बिना स्वेटर पुराने ड्रेस तथा बिना जूते के नजर आए वहीं कोपाकोहना में 400 के करीब बच्चों का पंजीकरण है यहां उपस्थिति 300 से अधिक रही यहां भी अधिकांश बच्चे बिना स्वेटर पुराने ड्रेस तथा बिना जूता मोजा के नजर आए। यहां ना छापने की शर्त पर बताया गया कि यहां केवल 30 फ़ीसदी ही बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी गई है।

अभिभावक मीटिंग के माध्यम से अभिभावकों को उक्त राशि का प्रयोग बच्चों के ड्रेस स्वेटर खरीदने के लिए अपील की जा रही है। इसका सकारात्मक परिणाम भी आ रहा है स्कूलों में बच्चे नई ड्रेस में आ रहे।

-रवि प्रकाश,नगर शिक्षा अधिकारी तथा प्रभारी जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता

  

  

  


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