उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने की राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की योजनाओं की समीक्षा

लखनऊ:- उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मिड-डे-मील योजना में स्वयं सहायता समूहों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए प्लान बनाएं। हर छह महीने पर किसी बड़ी योजना को पूरा करें जिसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री को बुलाया जा सके। शुक्रवार को गन्ना संस्थान परिसर स्थित यूपीआरआरडीए के सभागार में आजीविका मिशन की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जो योजनाएं बनाई गई हैं, उनके नामों को सरल किया जाए ताकि ग्रामीण महिलाएं आसानी से योजना को जान व समझ सकें। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन महिलाओं को स्वावलंब बनाने का बड़ा प्लेटफार्म है। आजीविका मिशन में अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही समूहों को सम्मानित किया जाए।

समूहों से ऐसे उत्पाद बनें जिसका निर्यात किया जा सके

उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन से गांवों में विकास की अविरल गंगा बहेगी। बीसी सखी व विद्युत सखी योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।योजनाओं के क्रियान्यवन की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की जानी चाहिए। प्रत्येक योजना का परीक्षण और आडिट होना चाहिए। अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर उनकी योजनाओं को भी आजीविका मिशन से जोड़ने की योजना पर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि समूहों को रिवाल्विंग फंड देने में देरी न किया जाए। कम से कम ब्याजदर पर बैंकों से समूहों को लोन मिल सके इस दिशा में भी काम किया जाए। उन्होंने कहा कि समूहो के माध्यम से ऐसे उत्पाद भी बनवाए जाएं जिसका निर्यात किया जा सके। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही महिलाओं की आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।उन्होंने गांवों में दुकानें खोलकर उसका संचालन समूहों को देने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। आजीविका मिशन की योजनाओं का प्रस्तुतिकरण मिशन निदेशक भानुचंद्र गोस्वामी ने किया। बीसी सखी, विद्युत सखी, पुष्टाहार योजना आदि योजनाओं में समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों और हासिल उपलब्धियों की जानकारी कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने दी।


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