Site icon बेसिक शिक्षा विभाग समाचार

करदाता को पहले ‘कारण बताओ नोटिस’ भेजना अनिवार्य होगा, पहचानरहित निर्धारण के लिए मानक दिशा-निर्देश जारी, करदाता पक्ष रख सकेंगे


13 लाख आयकर रिटर्न दाखिल किए गए 31 जुलाई के बाद

03 आईटीआर को सत्यापित किया आयकर विभाग ने करोड़ नौ लाख से अधिक

नई दिल्ली । देश में करदाताओं के आयकर विवरण का पहचानरहित निर्धारण पूरी तरह बिना किसी मुश्किल सके , इसके लिए वित्त मंत्रालय ने कर अधिकारियों के लिए इससे जुड़ी मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी जारी की मानक प्रक्रिया के हिसाब अब किसी भी कर निर्धारण के मामले नई कर मांग तय करने के पहले करदाता को कारण बताओ नोटिस ‘ भेजा जाना जरूरी होगा ।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की तरफ से इस बारे में कर निर्धारण इकाइयों के लिए ये निर्देश आयकर कानून की धारा 144 – बी के पहचानरहित कर निर्धारण प्रावधानों के तहत जारी किए गए हैं मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक नई मानक प्रक्रिया में साफ कहा गया है कि बिना कारण बताओ नोटिस ‘ के कर की मांग विभाग के सिस्टम में जनरेट ही नहीं की जा सकती । करदाता को पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा । अगर विभाग करदाता के जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तब टैक्स की मांग की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी ।

इससे पहले कुछ मामलों में करदाताओं की तरफ से शिकायत की गई थी कि उन्हें कर की मांग को लेकर अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिल पाया । ऐसे में विभाग ने करदाताओं की तरफ से मिले फीडबैक के आधार पर व्यवस्था को सुगम बनाने की पहल की सरकार की कोशिश है कि कर व्यवस्था को लोगों के लिए आसान बनाया जाए । इसी मकसद से साथ पहचानरहित व्यवस्था की शुरुआत गई ताकि उन्हें कम से कम विभाग दफ्तरों के चक्चर लगाने पड़ें ।

तय श्रेणी के हिसाब से मामले सौंपे जाएं:

कर अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी मामलों को उनकी तय श्रेणी के हिसाब से कर निर्धारण के लिए सौंपा जाए साथ ही अगर कोई मामला सही तरीके से पहचानरहित निर्धारण के लिए नहीं रखा जा सका हो तो इसकी जानकारी नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर को दी जाए ताकि ऐसी मुश्किलों की तकनीकी दिक्कत दूर की जा सके । मानक संचालन प्रक्रिया में ये भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी मामले अंतिम कर निर्धारण आदेश जारी किए जाने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया गया हो और हर प्रक्रिया की जानकारी सही तरीके से इकट्ठा की गई हो ।

पैसा बाहर भेजने पर टीसीएस से छूट:

नई दिल्ली । आयकर विभाग ने प्रवासी कॉरपोरेट इकाइयों और कंपनियों को विदेशों में धन भेजने और यात्रा पैकेज पर पांच प्रतिशत टीसीएस ( स्रोत पर कर संग्रह ) से छूट दी है । विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की है । यह छूट उन्हें मिली है , जिनके देश में स्थायी प्रतिष्ठान या कामकाज के लिये स्थायी जगह नहीं है । सीबीडीटी ने आयकर नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है और छूट का दायरा बढ़ाया है । आयकर कानून की धारा 206 ( 1 जी ) के तहत पहले यह छूट केवल प्रवासी व्यक्तियों को ही थी । वित्त अधिनियम , 2022 में धारा 206 ( 1 जी ) को पेश किया गया था ।


Exit mobile version