प्रयागराज में नहीं बना आयोग का मुख्यालय तो शहर की पहचान को फिर लगेगा झटका
प्रयागराज’- उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ शिफ्ट किए जाने की तैयारियों के बीच शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की घोषणा कर दी गई है। स्पष्ट संकेत हैं कि शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय लखनऊ में बनाए जाने की तैयारी है। ऐसे में दो महत्वपूर्ण भर्ती संस्थानों का अस्तित्व समाप्त होने के साथ ही प्रयागराज की पहचान को एक और झटका लगेगा। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। ऐसे में प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
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दोनों ही भर्ती संस्थाएं प्रयागराज की पहचान हैं। प्रतियोगी छात्र चाहते हैं कि शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज को बनाया जाए, लेकिन अब इसकी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्यों की भर्ती के लिए रिक्त पदों की गणना करना और भर्ती के लिए पदों का अधियाचन भेजा उच्च शिक्षा निदेशालय की जिम्मेदारी है। निदेशालय को लखनऊ शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय भी अब लखनऊ को ही बनाया जाएगा। वहीं, प्रतियोगी छात्रों ने प्रयागराज में शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय बनाए जाने की मांग शुरू कर दी है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय एवं मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय, प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश संयोजक अनिल उपाध्याय एवं अध्यक्ष विक्की खान समेत तमाम संगठनों के छात्र नेताओं ने इसके लिए संघर्ष की घोषणा की है।
सब यहीं तो मुख्यालय क्यों नहीं:
छात्र नेताओं का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों और उच्च शिक्षा में शिक्षक भर्ती करने वाली सभी संस्थाएं प्रयागराज में ही हैं। ऐसे में मुख्यालय हर हाल में प्रयागराज में ही होना चाहिए। किसी को भी शिक्षा की नगरी प्रयागराज की पहचान से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में स्थापित करने की मांग की गई है।
मुख्यालय नहीं बना तो अर्थव्यवस्था को लगेगा झटका:
प्रयागराज के सलोरी, बघाड़ा, बेली, अल्लापुर, गोविंदपुर, तेलियरगंज, मम्फोईंगंज, दारागंज, सोहबतियाबाग, तुलारामबाग, मधवापुर, बैरहना समेत शहर उत्तरी के बड़े हिस्से में तकरीबन पांच लाख प्रतियोगी छात्र रहते हैं और शहर की अर्थव्यवस्था को संतुलित रखने में इनकी बड़ी भागीदारी है। प्रतियोगी छात्र नेताओं का कहना है कि शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय लखनऊ में बनाया गया तो बड़ी संख्या में छात्रों का लखनऊ की ओर पलायन शुरू हो जाएगा और इसका सीधा असर शहर की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। किराने की दुकान चलाने वाले, सब्जी का ठेला लगाने वाले, रेस्टारेंट संचालकों, कोचिंग संस्थानों, चाय के दुकानदारों तक का रोजगार इससे प्रभावित होगा।
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