बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

जिले में बेसिक स्कूलों की परीक्षाएं बनीं मजाक: प्रश्नपत्रों में गलतियों की भरमार, पूर्णांक 50, प्रश्न 40 अंक के ही आए


आगरा:- जिले में परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चल रही परीक्षाओं में रोज प्रश्नपत्रों में गलतियां सामने आ रही हैं। शनिवार को अंग्रेजी विषय की परीक्षा कराई गई। कक्षा पांच के प्रश्नपत्र में पूर्णांक 50 दर्ज था, जबकि अंकों के विभाजन का योग 40 ही हो रहा था। प्रश्नपत्र को दो खंड में विभाजित किया गया था। खंड-क के लिए 35 अंक निर्धारित किया गया था, प्रश्नों के अंकों का विभाजन 25 ही था। खंड-ख में मौखिक परीक्षा के लिए 15 अंक निर्धारित किए गए थे।कक्षा-छह में भी पूर्णांक 50 दिया था। अंकों के विभाजन का योग 48 ही हो रहा था। दो अंक का प्रश्न नहीं दिया गया था। कक्षा आठ के अंग्रेजी के प्रश्नपत्र में गलत स्पेलिंग दी हुई थी। वाज (डब्ल्यूएएस) की जगह डब्ल्यूएस लिखा था। योर (वाईओयूआर) लिखा जाना था, उसकी जगह वाईओयूटी लिखा हुआ था। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री बृजेश कुमार दीक्षित का कहना है कि अंकों का विभाजन ठीक से न किए जाने से शिक्षकों को कॉपियों के मूल्यांकन में समस्या आएगी। अधिकतर प्रश्नपत्र में अंक विभाजन त्रुटियां हैं।

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कहा

यूटा के जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि प्रश्नपत्रों में गड़बड़ी की भरमार है। बिना जांचें परखे प्रश्नों को पैक करके भेज दिया जा रहा है। प्रश्नपत्रों को बनाने में भी लापरवाही बरती गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार से प्रश्नपत्र की त्रुटियों के संबंध में बात की गई, उन्होंने पैकिंग करने वाली टीम से जवाब तलब किए जाने के लिए कहा।


गणित की परीक्षा में भी थीं त्रुटियां


शुक्रवार को गणित विषय की परीक्षा थी। कक्षा पांच के प्रश्नपत्र में पूर्णांक 50 दिया था जबकि अंक विभाजन का योग 19 ही हो रहा था। प्रश्नपत्र में कुल 11 प्रश्न पूछे गए थे। कक्षा तीन के गणित के प्रश्नपत्र में पूर्णांक 50 अंक दर्ज था। अंकों के विभाजन का योग 35 था। कक्षा सात के गणित के प्रश्नपत्र में पूर्णांक 50 था और अंकों के विभाजन का योग 45 हो रहा था। प्रश्न संख्या तीन के -ड. में पूछा गया प्रश्न ही अधूरा था।


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