अवकाश सरलीकरण के नाम पर खत्म कर शिक्षकों की कई छुट्टियां

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अवकाश सरलीकरण के नाम पर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की कई छुट्टियां समाप्त कर दी गई है। इस संबंध में पिछले महीने स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर शासन को भेजे गए पांच सूत्री प्रस्ताव को शासन ने अनुमोदित कर दिया है। प्रस्ताव में तीन बिन्दु ऐसे हैं, जिस पर शिक्षक संगठनों ने आपत्ति करनी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि काम दबाव बढ़ता जा रहा है और जरूरी छुट्टियां भी समाप्त की जा रही है। यह शिक्षकों का उत्पीड़न है।

महानिदेशालय का पांच सूत्री प्रस्ताव जिसे शासन ने अनुमोदित किया है वह इस प्रकार है। सभी प्रकार के अवकाशों के लिए स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र दिए जाने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। दूसरे प्रस्ताव सभी प्रकार के रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर के चिकित्सा प्रमाण पत्र स्वीकार किए जाने के प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। तीसरे प्रस्ताव में शिक्षिकाओं को बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में सामान्यतया अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा चुनाव, आपदा, जनगणना, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी अथवा विद्यालयी परीक्षाओं की अवधि व उससे 5 दिवस पूर्व की तिथियों के लिए प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों को खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निस्तारित किया जाएगा।

चौथे प्रस्ताव में ग्रीष्मावकाश या शीतवकाश में सक्षम अधिकारी (शासन / राज्य स्तर) के आदेश पर कार्य करने पर बदले में अर्जित, उपार्जित अवकाश अब देय होगा। पांचवा प्रस्ताव परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को निर्बन्धित अवकाश, प्रतिकर अवकाश तथा अध्ययन अवकाश की सुविधा समाप्त कर दी गई है।

शिक्षक संगठनों में है असमंजस की स्थिति

अवकाश की नई व्यवस्था को लेकर शिक्षक संगठन असमंजस की स्थिति में हैं। किसी को यह कतई नहीं भा रहा है तो कुछ इसका स्वागत कर रहे हैं।

“यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिह कहना है कि बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल अधिकतम एक बार में 30 दिन का करने से महिला शिक्षकों में बहुत रोष है। पहले यह 90 दिन का मिलता था, फिर इसे 45 किया गया और अब 30 दिन । अब रविवार अवकाश के दिन भी कार्य लिए जाने पर उन्हें कोई प्रतिकर नहीं मिलेगा। अध्ययन अवकाश से किसी को वंचित नहीं किया जाना चाहिए लेकिन अब शिक्षकों को अध्ययन अवकाश से भी वंचित रखा जा रहा है जो न्याय संगत नहीं है।

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है महानिदेशक के प्रस्ताव पर आज शासन ने मुहर लगाकर सराहनीय कार्य किया है। इस आदेश से लाखों शिक्षकों को फ़ायदा मिलेगा। शिक्षकों से अवकाश के दिनों में भी कभी-कभी विभाग द्वारा कार्य लिया जाता है, परन्तु उसके बदले में उपार्जित अवकाश प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को भटकना पड़ता था, इससे अब राहत मिल सकेगा।

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केंद्रीय महिला कर्मियों को मिलती है लगातार दो साल छुट्टी

केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी बच्चों की देखभाल के लिए लगातार दो साल तक छुट्टी ले सकती है, सिर्फ उनके पालन-पोषण के लिए ही नहीं बल्कि बीमारी में सेवा और परीक्षा की तैयारियां करवाने के लिए भी छुट्टी ले सकती हैं


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