कहीं बिना ड्रेस के मिले बच्चे, कहीं पुस्तकें ही नहीं थीं

लखनऊ:- कमिश्नर रोशन जैकब ने गुरुवार को अचानक प्राइमरी स्कूलों का निरीक्षण किया। कहीं बच्चे बिना ड्रेस के मिले तो कहीं पुस्तकें ही नहीं थीं। गुलाम हुसैन पुरवा के प्राथमिक स्कूल में बच्चों से कहा कि पहाड़ा सुनाओ। बच्चे भी उनसे थोड़ी ही देर में घुल मिल गए। कमिश्नर ने बच्चों से कविता सुनी और उनका उत्साह बढ़ाया।इस बीच कई बच्चे बिना यूनिफार्म के दिखे। इस पर कमिश्नर ने उनके अभिभावकों से सम्पर्क कर ड्रेस में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने का निर्देश शिक्षकों को दिया। साथ ही बच्चों की संख्या की जानकारी ली। यह भी देखा कि बच्चों के बैठने और पढ़ने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था दुरुस्त है या नहीं। लाइब्रेरी का निरीक्षण कर उसके बजट की जानकारी ली। इस स्कूल में 276 छात्र हैं जिनमें से 184 मौजूद मिले।स्कूल में पांच सहायक अध्यापक, दो अंशकालिक अनुदेशक और एक शिक्षा मित्र तैनात हैं।

यहां से कमिश्नर निरालानगर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंची। कमिश्नर ने किचेन में भोजन की गुणवत्ता परखी। बच्चों के पास बैग नहीं थे, कमिश्नर ने जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। स्कूल परिसर में पार्क, ओपेन जिम और बच्चों की रुचि के आधार पर खेल उपकरण लगाने का भी निर्देश दिया। यहां प्रभारी शिक्षिका ने बताया कि अभी तक बच्चों के लिए पुस्तकें नहीं आई हैं। ऐसे में पहले पास हो चुके बच्चों की पुस्तकों से पढ़ाई करवाई जा रही है।प्राइमरी स्कूल लाजपत नगर चौक में साफ सफाई की कमी दिखी। कमिश्नर रोशन जैकब ने सभी कक्षाओं में कूड़ेदान रखने का निर्देश दिया। यहां भी बच्चों से सवाल पूछे। कमिश्नर ने दीवारों की हरी पट्टी पर छात्रों के लिए स्थान निर्धारित करने का निर्देश दिया। कहा कि यहां छात्र भाषा, गणित, विज्ञान की पाठ्य सामग्री लिखेंगे। कमिश्नर ने रेड क्रॉस सीएसचसी कैसरबाग में लगे हेल्थ एटीएम का भी निरीक्षण किया।

कमिश्नर बनीं अंग्रेजी की टीचर

चौक के प्राइमरी स्कूल में कुछ ही देर में बच्चे कमिश्नर से घुल मिल गए। उन्होंने अंग्रेजी की पुस्तक लेकर बच्चों को पढ़ाया। उनसे सवाल भी पूछे। बच्चों से दिनचर्या की जानकारी ली। इसके बाद स्कूल के बालमित्र पुस्तकालय को देखा। उन्होंने आलमारी खुली रखने के निर्देश दिए ताकि बच्चे जब चाहें पसंद की पुस्तकें निकाल सकें।


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