दो वर्ष से नहीं बढ़ी मिड-डे-मील की परिवर्तन लागत … दाल, तेल, रसोई गैस, मसाले सभी महंगे

आगरा:-गणित हो या विज्ञान , हर सवाल का पल में विद्यार्थियों को हल बताने वाले गुरुजी मिड – डे मील ( मध्याह्न भोजन ) बनवाने में उलझ गए हैं । खाद्य पदार्थों की महंगाई और मिड डे मील वितरण के लिए शासन स्तर से स्वीकृत परिवर्तन लागत ( कर्त्वजन कास्ट ) के बीच सामंजस्य बैठाने में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को कठिनाई हो रही है । दो वर्ष से परिवर्तन लागत नहीं बढ़ाई गई है , जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है ।

परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले प्राथमिक स्तर ( कक्षा एक से पांच तक ) के प्रति विद्यार्थी के लिए परिवर्तन लागत 4.97 रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर ( कक्षा छह से आठ तक ) 7.45 रुपये प्रति विद्यार्थी है । शिक्षकों के मुताबिक विद्यालयों को गेहूं और चावल की आपूर्ति उचित दर राशन की दुकान से हो जाती है , सब्जी , दाल , तेल , मसाले , दूध , फल सामग्री की व्यवस्था करने में ‘मुश्किल होती है । वर्ष 2020 के बाद परिवर्तन लागत बढ़ी नहीं है , जबकि रसोई गैस समेत खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं ।

चार रुपये में साबुत फल कैसे दिया जाए

यूटा के महामंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में एक जुलाई 2016 से विद्यार्थियों को ताजे और मौसमी फल उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाई गई है । प्रत्येक सोमवार को प्रति चार रुपये की दर से धनराशि स्वीकृत की है । शर्त यह रखी गई है कि फल ताजा व साबुत होना चाहिए । छह वर्ष में धनराशि नहीं बढ़ाई गई । चार रुपये में विद्यार्थियों को कैसे दिया जाय?

महंगाई ने मुश्किल बढ़ाई

शिक्षकों के मुताबिक घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत 1056.50 रुपये हो गई है । वर्ष 2020 में अरहर की दाल की कीमतत 80 रुपये प्रति किलो के करीब थी , अब 100 रुपये प्रति किलो हो गई है । सरसों का तेल 165 से 180 रुपये प्रति लीटर है , दो वर्ष पहले करीब 100 रुपये कीमत थी । वहीं , फलों में अनार 100 रुपये प्रति किलो , मौसमी 60 रुपये प्रति सेब 150 रुपये प्रति किलो , व केला 30-40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है ।

महंगाई के अनुरूप बढ़नी चाहिए परिवर्तन लागत

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री बृजेश दीक्षित का कहना है कि नियमानुसार प्रति वर्ष मिड – डे मील के परिवर्तन लागत में महंगाई अनुरूप वृद्धि होती रहनी चाहिए । दो वर्षों से लागत बढ़ी नहीं है जबकि खाद्य पदार्थों पर महंगाई उत्तरोत्तर बढ़ रही है । लॉक डाउन के बाद परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ी है । परिवर्तन लागत नहीं बढ़ाई गई तो मिड – डे मील की गुणवत्ता प्रभावित होगी ।


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