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Income Tax Return || सिर्फ 8% करदाताओं की आय 10 लाख से अधिक


नई दिल्ली:- इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने वालों में सिर्फ 8% अपनी सालाना आय ₹10 लाख से अधिक दिखाते हैं। यही 8% करदाता मुख्य रूप से सरकार को इनकम टैक्स देते हैं। देश के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) समुदाय के साथ संवाद के दौरान वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव तरूण बजाज ने कहा कि इस वर्ग का छोटा आकार देखते हुए ही सरकार चाह कर भी करदाताओं को राहत नहीं दे पा रही।

बजाज में सीए समुदाय के साथ संवाद में बताया कि वित्त वर्ष 2019 पीस या मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के लिए देश में 6.3 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए। इसमें 75% करदाताओं ने अपनी आय 5 लाख या इससे कम दिखाई। सिर्फ 25% में ₹5 लाख से अधिक का आईटीआर दाखिल किया है। इनमें 17% लोगों ने सालाना आय 5 से 10 लाख और 8% ने ₹10 लाख से अधिक बताई है।

टैक्स से विभिन्न प्रकार की छूट 10 लाख तक की आय दिखाने वाले ही लेते हैं इसलिए देखा जाए तो आईटीआर भरने वालों में सिर्फ 8% करदाताओं ने ही सरकार को सही मायने में टैक्स दिया है। वेतन भोगियों द्वारा दाखिल आइटीआर में 87% 10 लाख से कम वाले थे। 13% आईटीआर 10 लाख से एक करोड़ के बीच के थे। आईटीआर में एक करोड़ से अधिक आय वाले कुछ हजार ही हैं। वहीं गैर वेतनभोगी वर्ग में 96% आईटीआर 10 लाख रुपए से करते थे। वित्त वर्ष 2020 के लिए गत 11 फरवरी तक 6.2 करोड़ आईटीआर दाखिल हो चुके थे।


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