आयकर नोटिस की उलझन फोन पर ही सुलझा सकेंगे सुविधा
नई दिल्ली। आयकर विभाग जल्द ही आयकर रिटर्न समेत अन्य कर नोटिस के मामलों में लोगों को जानकारी देने और उनकी मुश्किलें दूर करने के लिए हेल्पलाइन शुरू करेगा। अभी विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कॉलसेंटर की शुरुआत की है, जहां से वह खुद आयकरदाताओं को फोन कर जानकारियां उपलब्ध करा रहा है। इसकी सफलता के बाद इस प्रोजेक्ट को देशव्यापी स्तर पर लागू किए जाने की तैयारी है। इसके बाद कॉल सेंटर में आयकरदाता संपर्क कर पाएंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन नितिन गुप्ता ने हिंदुस्तान को बताया कि फिलहाल कॉलसेंटर से खास तौर पर कर डिमांड नोटिस के मामलों में लोगों की मुश्किलें दूर की जा रही हैं। कॉल करने के पहले करदाता को इसके बारे में एक ई-मेल किया जाता है, जिसमें कॉल आने के बारे में बताया जाता है।
इन शहरों में चल रहे कॉल सेंटर
मैसूरु, कर्नाटक और गोवा, मुंबई, दिल्ली और उत्तर- पश्चिम क्षेत्र। कॉल सेंटर के जरिए पिछले साल 1.4 लाख मामलों का समाधान किया गया।
35 लाख रिफंड के मामले अटके, जिनमें बैंक का ब्योरा और अन्य जानकारियां गलत
अब तक रिफंड नहीं आया तो यह काम करें
नितिन गुप्ता ने बताया है कि जिन कुछ करदाताओं को आयकर रिफंड में मुश्किल आ रही होगी, उन्हें अपने बैंक की जानकारियां आयकर विभाग के पास सही-सही अपडेट कराने की जरूरत है। उनके मुताबिक ऐसे करीब 35 लाख मामले हैं, जिनमें बैंक की पुष्टि नहीं हो पा रही है। विभाग की तरफ से इन हो रही है।
उसके बाद उनके खिलाफ टैक्स के बारे में उन्हें सूचित किया जाता है और पूरी प्रक्रिया के बारे में उन्हें बताया जाता है। इस साल अब तक इसमें 1.4 लाख निदान पा सकेंगे।
करदाताओं से संपर्क किया जा रहा है। ऐसे मामलों में कहीं खाता नंबर गलत है तो कहीं आईएफएससी कोड गलत पाया जा रहा है। साथ ही कई बैंकों के मर्जर के बाद लोगों ने अपनी नई जानकारियां दर्ज नहीं की है। ऐसा करने की वजह से लोगों को रिफंड मिलने में मुश्किल
कॉल हुई हैं। पायलट सफल रहा तो कॉल सेंटर में आयकरदाता खुद से फोन कर पाएंगे और अपनी समस्याओं का