25 विद्यार्थियों पर एक रसोइयों की नियुक्ति, पढ़ाई क्या है, शासन की नई व्यवस्था,

इस नई व्‍यवस्‍था में रसोइयों को 1000 रुपये मानदेय निर्धारित

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प्रयागराज: राजकीय, स्थानीय निकाय, सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसा, ईसीजीआइ केंद्रों में सरकार की ओर से मध्याह्न भोजन योजना का संचालन किया जा रहा है। स्‍कूलों में भोजन पकाने के लिए स्थानीय स्तर पर रसोइयों की व्यवस्था ग्राम प्रधान, वार्ड सभासद एवं स्वयं सहायता समूह आदि के माध्यम से करने का निर्देश है।

नई व्‍यवस्‍था में रसोइयों को 1000 रुपये मानदेय निर्धारित:

नई व्यवस्था में रसोइयों के लिए 1000 रुपये की दर से मानदेय देना है। यह भी निर्देशित है कि यदि विद्यालय में 25 विद्यार्थी पंजीकृत हैं तो एक रसोइया होना चाहिए। यह संख्या 100 होने पर दो रसोइया की नियुक्ति जरूरी है। 200 विद्यार्थी पर तीन, 300 पर चार, 1000 पर पांच, 1500 पर छह, 1500 से अधिक छात्र छात्राओं के होने पर सात रसोइयां की तैनाती जरूरी है। शासन के निर्देश के अनुसार रसोइयों पर होने वाले व्यय का 75 प्रतिशत वहन भारत सरकार द्वारा, शेष 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

डुगडुगी पिटवाकर नियुक्ति संबंधी सूचना दी जाएगी:

रसोइयों के मानदेय का भुगतान बैंक में रसोइयों के नाम से बचत खाता खुलवाकर किया जाएगा। ग्राम पंचायत एवं वार्ड समितियों के योजना के कार्यदायी संस्था होने की स्थिति में रसोइयों का चयन ग्राम पंचायत,वार्ड समितियों के माध्यम से होगा। इनकी संख्‍या भी विद्यालयवार निर्धारित की जाएगी। संख्यात्मक विवरण को मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। ऐसा इसलिए कि इच्छुक सामान्यजन इस विवरण की जानकारी प्राप्त कर सकें। ग्राम पंचायत और वाई सभासद के स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय संसाधनों जैसे डुगडुगी आदि का माध्‍यमों का भी प्रयोग किया जाएगा।

अप्रैल से मई के बीच करना होगा रसोइयों का चयन:

सभी संस्थाओं में रसोइयों का चयन आगामी शिक्षा सत्र के लिए अप्रैल से मई के बीच करना होगा। इसके लिए संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से 10 अप्रैल तक विज्ञापन प्रकाशित करा दिया जाएगा। इसमें अर्ह अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए 10 दिन का समय देना होगा। विज्ञापन में ग्राम पंचायत, वार्ड समिति के सदस्य सचिव संबंधित विद्यालय का प्रधानाध्यापक के पास आवेदन पत्र प्राप्त कराने की अंतिम तिथि भी अंकित कर दी जाए।

रसोइयों के चयन में पारदर्शिता:

विज्ञापन में यह भी स्पष्ट रूप से उल्लिखित करना होगा कि संबंधित प्रधानाध्यापक द्वारा अभ्यर्थी से आवेदन प्राप्त करने के उपरांत उसे पावती रसीद दी जाए। यदि प्रधानाध्यापक द्वारा आवेदन प्राप्त करने से इनकार करने की स्थिति होती है तो संबंधित अभ्यर्थी विज्ञापन में आवेदन के लिए नियत तिथि के दिन अपराह्न 5.00 बजे तक जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में इस संबंध में लगाए गए ड्राप बाक्स में अपना आवेदन डाल सकेंगे।

ऐसे होगी रसोइयों का चयन:

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जाप बाक्स में डाले गये आवेदन पत्रों को आगामी पांच दिन के भीतर संबंधित प्रधानाध्यापकों को सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी, नगर शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्राप्त कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके उपरांत ग्राम, वार्ड स्तरीय समिति द्वारा एक सप्ताह में रसोइयों के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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