अग्रिम आदेश तक रिलीविंग बन रही है शिक्षको की समस्या, कैसे बनाये निपुण, कार्यवाही के डर से शिक्षक नही उठाते आवाज

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लखनऊ:- बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के अधिकांश शिक्षक बीएलओ की ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं। लेकिन वह कार्रवाई के डर से आवाज भी नहीं उठाना चाहते हैं। विद्यालयों से जब बीएलओ कार्य के लिए इनकी रिलीविंग होती है तो उसमे अग्रिम आदेश का जिक्र होने के कारण जब दोबारा वापसी का आर्डर नहीं होता तब तक शिक्षकों की वापसी नहीं हो पाती है। इसमें कुछ शिक्षक ऐसे भी होते हैं जो जानबूझकर विद्यालय वापस नहीं होना चाहते हैं।

शिक्षकों का कहना है कि वह बीएलओ की ड्यूटी को छोड़कर शिक्षण कार्य करना चाहते हैं लेकिन बीच-बीच में अलग-अलग कामों पर लगाये जाने के कारण पढ़ाने का क्रम प्रभावित होता है वह चाहकर भी इसका विरोध नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनको भी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। हालांकि ऐसे भी शिक्षक हैं जो अग्रिम आदेश तक रिलीविंग आर्डर का फायदा भी उठाते हैं, और विद्यालय जाकर पढ़ाना नहीं चाहते हैं। इस स्थिति में आर्डर जरूरी है। सभी शिक्षकों का नाम खराब होता है। शिक्षकों ने नाम नछापे जाने की शर्त पर बताया कि कई बार ऐसा भी होता है कि वह बीएलओ का काम नहीं करना चाहते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई कर दी जाती है।

इससे पहले विधानसभा चुनाव में था ये नियम-

अलग अलग विद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षकों ने बताया कि पिछले विधान सभा चुनाव में बीएलओ कार्य तीन दिन बूथ पर शिक्षकों के द्वारा किया था हो गये। और तीन दिन स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए कहा गया था। लेकिन नगर निकाय चुनाव में ऐसा नहीं किया गया। इस स्थिति में काफी संख्या में शिक्षक विद्यालय से दूर हो गये।

क्या कहता है आरटीई एक्ट

आरटीई एक्ट 2009 के अंतर्गत शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। बीएलओं की गाइड लाइन के अनुसार मात्र पैरा शिक्षकों को बीएलओ कार्य के लिएलगाया जा सकता है। स्थाई शिक्षकों को शिक्षण कार्य करने के लिए कहा गया है। काफी संख्या में शिक्षक ये बात जरूर मानते है कि कुछ शिक्षक बीएलओ के कार्य की आड में अपने व्यक्तिगत कार्य करते है। इससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इन पर दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है।

नगर व ब्लाक स्तर पर अधिकारियों से भी हुई लापरवाही

राजधानी में इस बार नगर निकाय के चुनाव में बीएलओ कार्य के लिए नवंबर 2022 में ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं के पुन निरीक्षण हेतु लखनऊ के 8 विकास खण्डों से प्रत्येक विकास खंड से लगभग 100 से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी थी। आरक्षण के कारण नगर निकाय के चुनाव न्यायालय में विचाराधीन होने से चुनाव दिसम्बर 2022 में स्थगित गए थे, लेकिन बीएलओ को उनके संबधित जोन के अधिकारियों के द्वारा तत्काल मुक्त न करके उनको फरवरी 2023 मे मुक्त किया गया। इसके बाद मव्य मार्च में 1 अप्रैल 2023 तक पुनः बीएलओ के कार्य के लिए लगा लिया गया 12 अप्रैल से बीएलओ का कार्य न पर भी सम्बंधित जोन के अधिकारियों के द्वारा कार्य मुक्त नहीं किया गया। 6 मई से बीएलओ अपने विद्यालय वापस आये है। शिक्षकों ने बताया कि इसी तरह लगभग पूरे प्रदेश हुआ।

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