चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी पर हाईकोर्ट सख्त, बेसिक शिक्षा निदेशक जवाब तलब

प्रयागराज:- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी पर सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग महिला कोटे में निर्धारित क्वालिटी प्वाइंट अंक से कम अंक होने के आधार पर याची को अलीगढ़ में तैनात करने से इन्कार कर दिया। ऐसे में हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी पर कोर्ट सख्त

याची से कम अंक पाने वाली कई महिलाओं को अलीगढ़ में ही तैनाती दी गई है। याची को कासगंज आवंटित किया गया है। हाई कोर्ट ने इसे प्रथमदृष्टया गलत करार दिया है। शिक्षा निदेशक बेसिक उत्तर प्रदेश लखनऊ डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने या स्वयं हाजिर होकर सफाई देने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अंजू सिंह की याचिका पर दिया है। मामले के अनुसार भर्ती परीक्षा में सफल होने के बाद याची ने अलीगढ़ में तैनाती की अर्जी दी।

बेसिक शिक्षा निदेशक का तर्क भी ठहराया गया गलत

बेसिक शिक्षा निदेशक ने यह कहते हुए अलीगढ़ में तैनात करने से इन्कार कर दिया कि पिछड़ा वर्ग महिला कोटे का क्वालिटी प्वाइंट अंक 71.47 है। याची को 70.08 अंक ही मिले हैं। अलीगढ़ में तैनात महिला अभ्यर्थियों की सूची दाखिल की गई, जिसमें कई 70 अंक से कम पाने वाली महिलाओं को अलीगढ़ में तैनाती की गई है। इस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।


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