हाईकोर्ट के आदेश ने सैकड़ों शिक्षकों में जगाई अंतर्जनपदीय तबादले की आस
सोनभद्र। लंबे समय से गृह जनपद या उसके आसपास तैनाती की बाट जोह रहे जिले के सैकड़ों शिक्षकों में हाईकोर्ट के फैसले से उम्मीद जग गई है। आकांक्षी जनपद की श्रेणी में होने के कारण उनका तबादला आवेदन बार-बार निरस्त हो रहा था। अब कोर्ट के आदेश ने उनके लिए राह खोल दी है। शिक्षक शीघ्र ही शासन से निर्देश जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इस आदेश ने जिले में शिक्षा विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पूरे जिले से करीब डेढ़ हजार शिक्षक गैर जनपद जाने के लिए तैयार बैठे हैं। ऐसी स्थिति में पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझते जिले के सैकड़ों स्कूलों के शिक्षक विहीन होने का संकट खड़ा हो जाएगा।
जिले में कुल 2061 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें पंजीकृत 2.70 बच्चों के लिए यहां करीब आठ हजार प्रशिक्षित शिक्षकों की जरूरत है। इसकी तुलना में महज चार हजार शिक्षक ही पूरे जिले में तैनात हैं। विगत माह कोर्ट के आदेश पर हुए तबादले में चार सौ से अधिक शिक्षक दूसरे जनपद चले गए थे। इसके बाद स्थिति डांवाडोल हो गई थी। कई स्कूलों के बंद होने की नौबत आ गई। किसी तरह वैकल्पिक व्यवस्था के जरिए स्कूलों का संचालन कराया जा रहा है। विभाग शिक्षकों के तबादला आवेदन को आकांक्षी जनपद होने का हवाला देकर खारिज करता रहा है।
अब हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी आठ आकांक्षी जिलों में तैनात शिक्षकों को भी विशेष परिस्थिति में तबादला करने का आदेश दिया है। इसके बाद से ऐसे शिक्षकों में खुशी है, जो लंबे समय से तबादले का इंतजार करते आ रहे हैं। ऐसे शिक्षकों की संख्या डेढ़ हजार से अधिक है। अब तक वह आकांक्षी जनपद होने के कारण तबादला नहीं पा रहे थे, लेकिन अब उनकी ओर से कोशिश शुरू की जाएगी। ऐसी दशा में विभाग के लिए स्कूलों के सुचारु संचालन का संकट खड़ा होगा। हालांकि विभागीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि शासन के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा।
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