विरोधाभासी हलफनामे पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी।
हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ने कहा, एक्शन लें इससे पहले मुख्य सचिव को स्थिति साफ करने का निर्देश।
प्रयागराज:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक टीजीटी के खाली पदों को भरने को लेकर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव व अपर मुख्य सचिव द्वारा विरोधाभासी व विसंगतियों से भरे हलफनामे दाखिल करने पर नाराजगी जताई है। कहा कि कोर्ट न्याय हित में कोई कार्रवाई करे, इससे पहले सरकार को विसंगतियां दूर करने का एक मौका दे रही है। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को 16 दिसंबर तक उपयुक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही आशा व्यक्त की है कि मुख्य सचिव कानून की मंशा के अनुरूप हलफनामा दाखिल करेंगे।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने श्री गांधी इंटर कॉलेज, गोरखपुर की प्रबंध समिति की याचिका पर दिया है कोर्ट ने कहा कि कई आदेश जारी किए। अनुपालन में शीर्ष अधिकारियों के कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की हलफनामे विरोधाभासी व तारतम्यता कार्यवाही अनिश्चितता को बढ़ावा विहीन है।
कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की हलफनामे विरोधाभासी व तारतम्यता कार्यवाही अनिश्चितता को बढ़ावा देने वाली है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि तदर्थवाद, भ्रष्टाचार को लीड करता है, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर भारी पड़ता है। समाज के भविष्य के लिए कुछ अच्छा किया जाना चाहिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट के संजय सिंह केस के फैसले के अनुसार नीति निर्धारण करने का आदेश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
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