◆ विद्यालयों में 2014 के बाद कार्यरत की नहीं कटेगी रकम।

◆ वित्त नियंत्रक का सभी वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को निर्देश शिक्षक।

कार्मिकों को एरियर के रूप में धन लौटाने का आदेश अभी नहीं

लखनऊ बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 2014 के बाद कार्यरत शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों की सामूहिक बीमा योजना बंद कर दी गई है । अब उनके वेतन से प्रतिमाह बीमा के लिए धनराशि की कटौती नहीं होगी । प्रदेश में ऐसे शिक्षक व कर्मचारियों की संख्या करीब एक लाख चालीस हजार से अधिक है । अभी शिक्षकों व कार्मिकों को धन एरियर के रूप में वापस करने का आदेश नहीं हुआ है।

भारतीय जीवन बीमा निगम ने परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व अन्य कार्मिकों का सामूहिक बीमा किया था । अभी तक शिक्षकों से 87 रुपये , शिक्षणेतर कार्मिक से 41 व चतुर्थ श्रेणी कार्मिक के वेतन से 27 रुपये प्रतिमाह बीमा किस्त की कटौती हो रही थी । परिषद के वित्त विभाग का दावा है कि चार साल बाद 2018 में बीमा निगम ने पत्र भेजकर अवगत कराया कि वर्ष 2014 के बाद से तैनात शिक्षकों व कार्मिकों की सामूहिक बीमा योजना संचालित नहीं होगी ।

इस संबंध में शासन को अवगत कराया गया और बीमा किस्त कटौती रोकने की प्रक्रिया शुरू हुई । परिषद के वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के पत्र पर शिक्षा निदेशक बेसिक ने मुहर लगा दिया है कि 31 मार्च , 2014 के बाद नियुक्त शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन बिल से हो रही बीमा प्रीमियम की कटौती को बंद कर दिया जाए मिश्र ने सभी जिलों के वित्त एवं लेखाधिकारियों को आदेश दिया है कि बीमा किस्त कटौती बंद कर दें ।

2014 के पहले नियुक्त शिक्षकों से होती रहेगी कटौती:

वित्त नियंत्रक का कहना है कि 2014 के पहले कार्यरत शिक्षक सामूहिक बीमा कवर हो रहे हैं इसलिए उनकी धनराशि बीमा निगम को नियमित भेजी जा रही है , जबकि बाकी शिक्षक व शिक्षणेतर कार्मिकों का धन वित्त विभाग में जमा है । जल्द ही शिक्षकों को धन एरियर के रूप में वापस करने का आदेश दिया जाएगा


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