मैनपुरी: फर्जी शिक्षक मामले में जिले में तैनात दो शिक्षकों की जांच एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने शुरू कर दी है। एक ही नाम से दो जनपदों में नौकरी करने वाले इन शिक्षकों का बीएसए से रिकार्ड मांगा गया है। पिछले साल सामने आए अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद प्रदेशभर में एक नाम से दो-दो स्थानों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों को खुलासा हो रहा है। पूर्व में एक नाम से दो जिलों में नौकरी करने वाले जिले के छह लोग सेवा से बर्खास्त हो चुके हैं। एक बार फिर जिले में तैनात दो शिक्षकों की एसटीएफ ने जांच शुरू की है।एसटीएफ ने बीएसए को भेजे पत्र में बताया है कि मैनपुरी में तैनात दो शिक्षकों के अभिलेख संदेह के घेरे में है। उनके नाम से दो शिक्षक अन्य जनपदों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इनमें एक सुल्तानगंज जनपद में तो दूसरा शिक्षक बदायूं जनपद में नौकरी कर रहा है। ऐसे में संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति फाइल, शैक्षिक अभिलेख, पेनकार्ड, आधारकार्ड और मूलनिवास आदि की मूल प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं। एसटीएफ के पत्र के बाद बीएसए ने संबंधित शिक्षकों से उनके अभिलेख मांगे हैं। 

दो प्रधानाध्यापक सहित छह की हो चुकी है बर्खास्तगी

◆ धर्मेंद्र सिंह भिडरवार प्राथमिक विद्यालय गुन्हैया करहल, पांच मई 2020

◆ धीरेंद्र सिंह प्राथमिक विद्यालय तरिहा किशनी, दो जुलाई 2020

◆ दीप्ति अनुदेशिका उच्च प्राथमिक विद्यालय जमौरा बेवर, 16 जून 2020

◆ दीप्ति शिक्षिका कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय करहल, 16 जून 2020

◆ विमलेश कुमारी, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय घुराई घिरोर, 5 अक्तूबर 2020

◆ अनूप सिंह, प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय मधुकरपुर कुरावली, 6 नवंबर 2020

◆ फर्जी बीएड डिग्री मामले में भी जिले के 74 शिक्षकों पर हो चुकी है कार्रवाई 

बीएसए कमल सिंह ने बताया कि एसटीएफ ने दो शिक्षकों के अभिलेख मांगे हैं। संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी कर अभिलेख मांगे गए हैं। जांच में पूरी मदद की जाएगी। जो भी शिक्षक फर्जी पाया जाएगा उसकी बर्खास्तगी की जाएगी।


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