बिना स्वेटर स्कूल जाने के लिए विवश
बिना स्वेटर स्कूल आने पर बीईओ और प्रधानाध्यापक की जवाबदेही
अभी तक अभिभावकों के खाते में नहीं भेजी जा सकी है धनराशि
ज्ञानपुर। ठंड शुरू हो गई है। लेकिन, परिषदीय विद्यालयों के हजारों बच्चे बिना स्वेटर, मोजे और जूते के स्कूल आने के लिए विवश हैं। जिले के 28 हजार छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खाते में स्वेटर, जूता मोजा की धनराशि अभी तक नहीं पहुंच सकी है।
बीएसए भूपेंद्र प्रताप सिंह ने ठंड के दौरान बच्चों के बिना स्वेटर स्कूल आने पर बीईओ और गया है। प्रधानाध्यापकों की जवाबदेही तय की है। सोमवार को जिले के कई परिषदीय विद्यालयों की पड़ताल की गई। कई छात्र बिना स्वेटर के दिखे। कई जूता मोजा नहीं पहने थे।
जनपद के कुल 891 परिषदीय स्कूलों में 1 लाख 94 हजार 514 विद्यार्थी हैं। इनमें अब तक 1 लाख 75 हजार 434 बच्चों के अभिभावकों के खाते में जूता-मोजा, स्वेटर की धनराशि भेजी जा चुकी है। लगभग 28 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में पैसा नहीं
इनमें से कुछ बच्चों का प्रेरणा पोर्टल पर डाटा अपलोड किया विवश हैं। जाना है तो कुछ का आधार वेरिफिकेशन न होने के कारण पैसा नहीं भेजा जा सका है। इस कारण ये बच्चे बिना स्वेटर और जूता मोजा पहने ही स्कूल आने के लिए बच्चे रह गए हैं। उनके अभिभावकों के खाते में जल्द पैसा भेज दिया जाएगा। बच्चे ठंड में बिना स्वेटर पहने स्कूल न आएं। इसके लिए बीईओ और प्रधानाध्यापकों की
बीएसए भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिले के अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा जा चुका है। किसी कारण से कुछ जिम्मेदारी तय की गई है।
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