सख्ती: ड्रेस और किताबों के लिए मजबूर किया तो कार्रवाई

स्कूलों को चेतावनी, हर साल बच्चों की पुस्तकें और ड्रेस न बदलें

लखनऊ:- बच्चों से मनमानी फीस लेने, पुस्तकें और यूनीफार्म बदलने और मनमाफिक दुकान व एजेंट के यहां से खरीदारी के लिए अभिभावकों पर दबाव डालने वाले निजी स्कूलों पर शिकंजा कसेगा। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने इस बाबत सख्त निर्देश जारी किए हैं।

शनिवार को जारी आदेश में उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य नए शैक्षिक सत्र में बच्चों की यूनीफार्म, स्टेशनरी और पुस्तकों की बिक्री स्कूल परिसर में नहीं करेंगे। हर साल बच्चों की यूनीफार्म व पुस्तकें न बदलें। स्कूल की ओर से किसी खास दुकान व एजेंट से सामान खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव न डालें। कक्षावार फीस और पुस्तकों की सूची स्कूल की वेबसाइट और सूचना पट पर दर्ज करें। डीआईओएस सभी स्कूलों को यह जानकारी मुहैया करा इसका कड़ाई से पालन कराएंगे। शिकायत मिलने पर स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होंगे। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने पुस्तक व्यापार मण्डल, आर्यनगर की शिकायत पत्र का संज्ञान लेते हुए यह दिशा-निर्देश शनिवार को जारी किया। व्यापार मण्डल ने शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि निजी स्कूल खुद के नामित एजेंट और दुकानों से छात्रों को यूनीफार्म, स्टेशनरी और पुस्तकें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालत हैं, जिसका भार अभिभावकों पर पड़ता है।


Leave a Reply