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शिक्षकों के लिए शैक्षिक घंटे का निर्धारण, लापरवाह शिक्षकों पर गिरेगी गाज, होगी मॉनिटरिंग


बेसिक शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद शिक्षा व्यवस्था में दिखेगा बदलाव,

प्रतापगढ़:- कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल प्रभावित हो चुकी परिषदीय विद्यालयों की पढ़ाई इस बार नए शिक्षा सत्र में सुव्यवस्थित ढंग से शुरू होगी । इस बार नए शिक्षासत्र में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में शिक्षकों को सप्ताहभर की बकायदा कार्यदिवस व शिक्षण घंटे की भी रिपोर्ट तैयार करनी होगी । इसकी मानीटरिंग भी की जाएगी । ऐसे में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में तब्दीली दिखने के आसार हैं । कोरोना काल में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों का संचालन खूब प्रभावित हुआ था ।

कोरोना संक्रमण की वजह से शैक्षिक सत्र 2019-20 और 2020-21 में विद्यालय बंद होने के कारण शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं । स्कूलों में ताला लटकता रहा । वार्षिक परीक्षाएं तक नहीं हो सकीं । मगर इस बार नए शिक्षासत्र में स्थिति सामान्य है । इसकी भरपाई के लिए परिषद ने एक शैक्षणिक वर्ष में कार्य दिवसों व शिक्षण घंटों का भी निर्धारण कर दिया है । न्यूनतम संख्या कक्षा एक से पांच तक के लिए 200 कार्यदिवस एवं 800 शिक्षण घंटे तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 220 कार्यदिवस और 1000 शिक्षण घंटे निर्धारित किए हैं । शिक्षक के लिए प्रति सप्ताह कार्य घंटों की न्यूनतम संख्या 45 शिक्षण घंटे रखी गई है , जिसमें तैयारी के घंटे भी शामिल हैं ।

साढ़े सात से साढ़े बारह बजे तक रहेगा समय

बेसिक शिक्षा परिषद ने एक अप्रैल से 30 सितंबर तक परिषदीय विद्यालयों का समय सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े 12 बजे तक निर्धारित किया गया है । जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में सूचना भेजी है ।

“शैक्षिक सत्र 2022-23 को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव की ओर से आदेश जारी किए गए हैं । जिनमें विद्यालयों के कार्यदिवस और शैक्षिक घंटे निर्धारित किए हैं । विद्यालयों का समय भी तय किया है । इससे विद्यालयों को अवगत करा दिया है।”- भूपेंद्र सिंह , बेसिक शिक्षा अधिकारी


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