अपार आईडी से होगी आरटीई की शुल्क प्रतिपूर्ति


अपार आईडी से होगी आरटीई की शुल्क प्रतिपूर्ति

बेसिक शिक्षा विभाग नए सत्र में निजी स्कूलों पर करेगा सख्ती, अपार आईडी बनाने की बढ़ेगी रफ्तार, लापरवाही पर लगेगी रोक

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लखनऊ। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रवेश को लेकर चल रही सख्ती के बीच बेसिक शिक्षा विभाग अब निजी स्कूलों पर और कड़ाई करने जा रहा है। इससे निजी स्कूलों द्वारा ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने में की जा रही हीलाहवाली पर भी रोक लगेगी। इसके तहत विभाग अब अपार आईडी से आरटीई की शुल्क प्रतिपूर्ति करेगा। प्रदेश में में अपार आईडी बनाने के लिए अभियान चल रहा है। सरकारी स्कूलों में तो 90 फीसदी से ज्यादा छात्रों की अपार आईडी बन गई है, लेकिन निजी स्कूलों में यह आंकड़ा 50 से 60 फीसदी भी नहीं पहुंचा है। इसके लिए विभाग ने कई बार निर्देश दिए और कैंप भी लगवाए, लेकिन इसमें अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। इसे देखते हुए अब सख्ती शुरू की जा रही है।

विभाग नए सत्र 2025-26 में यू-डायस पोर्टल आईडी, आरटीई आईडी व अपार आईडी को आपस में जोड़ रहा है। निजी स्कूल जिन बच्चों का आरटीई के तहत प्रवेश लेंगे, उनकी अपार आईडी होने पर ही शुल्क प्रतिपूर्ति हो सकेगी। नए सत्र के लिए चार चरणों में आवेदन लेकर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की गई है। इसमें 3.34 लाख आवेदन आए और 1.85 लाख से अधिक बच्चों को सीट अलॉट हुई है


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