बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

आरटीई: पढ़ाए गए बच्चों के सत्यापन पर ही मिलेगी फीस


आरटीई: पढ़ाए गए बच्चों के सत्यापन पर ही मिलेगी फीस

हर ब्लॉक के निजी स्कूलों में जाएंगे बीईओ व एआरपी, पिछले साल 50% बच्चों को ही मिला था प्रवेश

लखनऊ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में सत्र 2024-25 के दौरान कितने बच्चों को पढ़ाया गया, अब इसका सत्यापन होगा। इसके बाद ही फीस प्रतिपूर्ति की रकम जारी होगी।

यह सत्यापन 31 मार्च से पहले पूरा किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन और बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश की मौजूदगी में सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। आरटीई अधिनियम के तहत सत्र 2024-25 में चयनित बच्चों की संख्या के सापेक्ष 50 प्रतिशत ही प्रवेश हो पाए थे। पूरे सत्र में कितने बच्चों का प्रवेश लिया गया था?

मुख्य विकास अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में हुई बैठक में लिया गया निर्णय, 31 से पहले पूरा होगा सत्यापन इनमें से कितनों ने पूरे साल पढ़ाई की? कितने बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ गए? कितने बच्चों को पढ़ाया गया जैसे बिंदुओं की जांच की जाएगी।

नया सत्र शुरू होने से पहले 31 मार्च तक स्कूलों को पिछले सत्र की फीस का भुगतान होना है। ब्लॉक में मंगलवार से बीएसए की निगरानी में सत्यापन शुरू होगा।

इसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और एआरपी की जिम्मेदारी तय की गई है, ताकि बच्चों की वास्तविक संख्या के आधार पर फीस का भुगतान हो सके। सत्र 2024-25 में आरटीई के चारों चरण में 24 हजार से अधिक आवेदन आए थे। इसमें 18000 से अधिक का चयन किया गया था। इनमें से 9882 बच्चों को ही दाखिला मिला।

हाई प्रोफाइल स्कूलों ने नहीं लिया था प्रवेश

पिछले सत्र में 8118 बच्चों को शहर के हाई प्रोफाइल निजी स्कूलों ने प्रवेश नहीं दिया था। अंत में तत्कालीन जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने सख्त कार्रवाई के साथ आरटीई अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद कुछ बच्चों के प्रवेश लिए गए थे। फिर भी काफी बच्चे प्रवेश से वंचित हो गए थे।


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