परिषदीय स्कूलों में कर रहे थे नौकरी, 84 पर दर्ज है केस, पुलिस चल रही कछुआ चाल

गोरखपुर:- कूटरचित दस्तावेजों के सहारे जिले के परिषदीय विद्यालयों में नौकरी हासिल करने वाले 86 फर्जी शिक्षकों को विभाग जांच कर बर्खास्त तो कर दिया । लेकिन , इन्हें वेतन के तौर पर किए गए 39 करोड़ 93 लाख , 45,433 रुपये के भुगतान में धेला भर की रिकवरी विभाग नहीं कर पाया है ।

यह हाल तब है जब इनमें से 84 के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा भी दर्ज है रिकवरी के मामले में राजस्व विभाग और आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस की चाल भी सुस्त ही है । इंटर स्नातक , बीएड या बीटीसी के फर्जी अंकपत्रों की सहायता से शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी करने वाले 86 फर्जी शिक्षकों को विभाग ने बीते ढाई वर्षों में बर्खास्त किया है । शासन के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने राजस्व विभाग के पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के साथ सूचना दी है वर्ष 2018-19 से ही बेसिक शिक्षा विभाग को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं ।

शिकायत करने वालों में ज्यादातर दूसरे जिलों में तैनात शिक्षक हैं जिनके शैक्षणिक दस्तावेज चुराकर फर्जी शिक्षकों ने दशकों तक नौकरी की है । विभाग ने भी शिकायतों का संज्ञान लेकर आरोपी शिक्षकों को निलंबित करते हुए मामले की जांच संबंधित विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारियों से कराई थी । उनकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें बर्खास्त किया गया ।

वेतन रिकवरी बनी चुनौती:

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बर्खास्त किए गए ज्यादातर फर्जी शिक्षक दूसरे की पहचान और प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करते हुए पाए गए हैं । ऐसे में उनकी असल पहचान का पता लगाए बिना उनसे वेतन की रिकवरी कर पाना राजस्व विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है ।

कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले 86 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है । 84 पर मुकदमा दर्ज है । इनसे रिकवरी की फाइल तैयार कराकर राजस्व विभाग को भेजी गई है । उनसे वार्ता कर कार्रवाई को जल्द पूरा कराया जाएगा ।”- आरके सिंह , बीएसए


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