फर्जी डिग्रियों , प्रमाणपत्रों से नहीं पा सकेंगे नौकरी

आउट ऑफ स्कूल बच्चों को लाया जा सकेगा मुख्य धारा में

अब फर्जी डिग्रियों या अंकपत्र के बहाने नौकरी पाने वालों की खैर नहीं । विद्यार्थियों की पढ़ाई – लिखाई का ब्यौरा रखने के लिए राज्य सरकार यूनिवर्सल लर्नर पासपोर्ट की व्यवस्था करने जा रही है इस पासपोर्ट में न सिर्फ उसके सीखने का पूरा सफर दर्ज किया जाएगा बल्कि इसकी डिजिटल तिजोरी ‘ में सभी प्रमाणपत्र व अंकपत्र संस्थान स्तर से अपलोड होंगे । इससे नौकरी के आवेदन के समय युवा फर्जी अंकपत्र या प्रमाणपत्र नहीं लगा सकेंगे क्योंकि उनका सत्यापन इसी तिजोरी से होगा राज्य सरकार इसके लिए प्रस्ताव मांगने जा रही है ।

यूपी इसे शुरू करने वाला पहला राज्य होगा । प्रदेश में इस योजना को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा । इसकी शुरुआत कक्षा से आठ तक होगी लेकिन भविष्य इसे प्ले ग्रुप से लेकर परास्नातक और प्रोफेशनल पढ़ाई में भी लागू किया जाएगा । इसका कांसेप्ट नोट , नियम व शर्ते समेत अन्य आधारभूत तैयारियां पूरी हो चुकी हैं । तकनीकी साझेदारी के लिए जल्द ही प्रस्ताव मांगा जाएगा । इस पासपोर्ट से एक बच्चे की पढ़ाई से लेकर नौकरी तक ट्रैक की जा सकेगी और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को पढ़ाई की मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी ।

इस व्यवस्था से कई तरह के फायदे होंगे:

फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वालों पर भी लगाम लगेगी क्योंकि यह लागू होने के बाद प्रमाणपत्रों का सत्यापन डिजिटल तिजोरी होगा । सत्यापन के लिए अंकपत्र या प्रमाणपत्र विभिन्न बोडों या फिर विश्वविद्यालयों को नहीं भेजे जाएंगे । अभी सबसे ज्यादा खेल सत्यापन में है और बाबुओं की सांठगांठ से सत्यापन का मामला अटकाए रखा जाता है । लर्नर पासपोर्ट से एक बच्चे का नामांकन दो जगह नहीं हो सकेगा । में दो डिग्रियां हासिल करने पर भी लगाम लगेगी । स्कॉलरशिप आदि के लिए फजीवाड़ा नहीं हो सकेगा क्योंकि फर्जी अंकपत्र , जाति या आय प्रमाणपत्र नहीं लगाया जा सकेगा ।


Leave a Reply