सपा सरकार आई तो पुरानी पेंशन बहाली का है वादा, लागू करने के निकालने होंगे रास्ते

भाजपा फिर आई तो भी मुद्दा सुलझाने का होगा दबाव, 2024 का लोकसभा चुनाव दूर नही

उत्तर प्रदेश:- उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा चुनाव में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा जोर-शोर से उठा। सपा ने इस मुद्दे को घोषणा पत्र में भी शामिल किया है। तो मुख्य सचिव की ओर से नई पेंशन को पुरानी से ज्यादा लाभदायक बताया गया। इस पर कर्मचारी संतुष्ट नहीं हुए, इस बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपने राज्य के कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान कर दिया है

उधर झारखंड सहित कई सरकारों ने पुरानी पेंशन की बहाली का वादा किया है कोई सरकार हो यह मुद्दा बना हुआ है विशेषज्ञ सपा सरकार के आने पर पुरानी पेंशन बहाली के तौर तरीकों और भाजपा के आने पर इस मुद्दे को सुलझाने से जुड़े विकल्पों पर मंथन में जुटे हैं वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है।

लेखा सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी का कहना है की नई पेंशन को खत्म कर पुरानी पेंशन को बहाल करने में कई तरह की दुश्वारियां आएंगी। सरकार चाहे तो न्यूनतम पेंशन की गारंटी देकर समस्या का बेहतर समाधान दे सकती है। उन्होंने न्यूनतम पेंशन की गारंटी का फॉर्मूला भी समझाया हालांकि कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग पर अड़े हैं। कर्मचारी नेता नई व पुरानी पेंशन पर वित्त विभाग के स्तर पर कराई गई गणना पर भी सवाल उठाते हैं दोनों पेंशन योजनाओं के अंतरवा नई से कर्मियों के नुकसान के बिंदु गिराए जा रहे हैं। जबकि कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि जो भी पार्टी सत्ता में आए वह पुरानी पेंशन के मुद्दे का तार्किक व भरोसेमंद समाधान दे।

पुरानी और नई पेंशन में मुख्य अंतर

पुरानी पेंशन में पेंशन भोगी की मृत्यु पर सिर्फ नाम नी को पारिवारिक पेंशन मिलती है नई पेंशन में पेंशन भोगी व पारिवारिक पेंशन भोगी की मृत्यु के बाद उसके आश्रित को कार्पस फंड में उपलब्ध धनराशि लौटने की व्यवस्था है।

पुरानी पेंशन में कर्मचारी के मूल वेतन का 10% जीपीएफ में जमा होता है नई पेंशन में सरकार अपनी ओर से मूल वेतन व डीए का 14% और कर्मचारी 10% पेंशन फंड में जमा करता है। इस तरह यहां रिटायरमेंट पर फंड की वापसी व पेंशन का निर्धारण 24% पर होता है।

जीपीएस की अपेक्षा एनपीएस फंड की राशि दोगुना से अधिक होने व मार्केट ग्रोथ पर निर्भर होने से अधिक रिटर्न का दावा किया जाता है। पुरानी पेंशन में जीपीएफ पर वर्तमान में 7.1% की ब्याज दर है नई पेंशन में ग्रोथ न्यूनतम 9.5% रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोग टर्म निवेश पर औसतन वृद्धि दर 10 से 12% तक हो रही है। ढाई गुना राशि होने से आकर्षक अमाउंट का फंड बनेगा।

पुरानी पेंशन में कार्मिक अपने जीपीएफ में उपलब्ध धनराशि पर ऋण (लोन) ले सकता है। उसे बाजार दर पर ऋण लेने से राहत मिल जाती है। नई पेंशन योजना में यह सुविधा नहीं है।

पुरानी पेंशन में महंगाई दर के हिसाब से वृद्धि निश्चित है नई पेंशन में यह निश्चित नहीं है पेंशन में वृद्धि बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित फंड के ग्रोथ पर निर्भर करेगी।


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