तैयारी: पेंशन का फॉर्मूला बदलेगा ईपीएफओ
तैयारी: पेंशन का फॉर्मूला बदलेगा ईपीएफओ
नई दिल्ली, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मासिक पेंशन निर्धारण के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके तहत पूरी सेवा में प्राप्त औसत पेंशन योग्य वेतन के आधार पर मासिक पेंशन निर्धारित करने का प्रस्ताव है।
हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय पेंशन, उसके लिए भुगतान राशि और जोखिम का आकलन करने वाले ‘एक्चुअरी’ की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा। इस बदलाव से सभी के लिए पेंशन में कमी होने के आसार हैं। मामले से जुड़े सूत्र ने यह जानकारी दी।
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फिलहाल ईपीएफओ कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95 ) के तहत मासिक पेंशन के निर्धारण के लिए पेंशन योग्य वेतन (अंतिम 60 महीने का औसत वेतन) गुना पेंशन योग्य सर्विस / 70 फॉर्मूले का उपयोग करता है। सूत्र के अनुसार, ईपीएस (95) के तहत मासिक पेंशन के लिए फॉर्मूले को बदलने का प्रस्ताव है। इसमें पेंशन योग्य वेतन अंतिम 60 महीने के औसत वेतन की जगह पेंशन योग्य सेवा के दौरान प्राप्त औसत पेंशन योग्य वेतन को शामिल करने की योजना है।
आईपीओ अब तीन दिन में सूचीबद्ध हो सकेगा
नई दिल्ली:- शेयर बाजार नियामक सेबी ने आईपीओ की सूचीबद्धता का समय घटाने का प्रस्ताव रखा है। नए प्रस्तावित नियमों में छह दिन की जगह अब तीन दिन में आईपीओ की सूचीबद्धता की बात कहीं गई है। सेबी का कहना है कि ऐसा करने से निवेशक और कंपनी के प्रवर्तकों दोनों को फायदा होगा। नए नियमों में सूचीबद्धता के लिए मियाद टी+6 से घटाकर टी+3 दिन किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। बीते कई सालों से सेबी आईपीओ प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश कर रहा है। उसका सबसे ज्यादा ध्यान छोटे निवेशकों पर रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सेबी ने आईपीओ के खुलने, आईपीओ के बंद होने और शेयरों की सूचीबद्धता के समय को कम करने का प्रस्ताव किया है। आम लोग तीन जून तक सेबी के इस प्रस्ताव पर अपने सुझाव दे सकते हैं।
निवेशकों को लाभ
जल्दी शेयर सूचीबद्ध होने से आवंटन जल्दी होगा। इससे असफल निवेशकों को जल्दी रिफंड मिल जाएगा। वहीं दूसरी ओर शेयर जल्दी आने से खरीद-बिक्री भी जल्दी होगी। इससे ट्रेडिंग करने वालों को भी फायदा होगा। मुनाफावसूली के साथ वह जल्द ही अपना निवेश दूसरी जगह निवेश करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
कंपनी को फायदा
इससे कंपनियों को आईपीओ के माध्यम से बाजार से पैसे जुटाने में आसानी होगी। निवेशकों को आईपीओ की अर्जी के बाद जल्दी पैसा या आवंटित शेयर मिल जाएंगे। इस कदम से आईपीओ लाने वाली कंपनी को जुटाई गई रकम का इस्तेमाल जल्दी करने की सुविधा मिलेगी। इससे कारोबार में आसानी होगी।
2018 में आया था टी+6 नियम
निवेश आसान बनाने के लिए सेबी ने 2018 में यूपीआई से भुगतान की अनुमति दी थी। इससे छोटे निवेशकों का निवेश बढ़ा हैं। खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखकर सेबी ने छह दिन की सूचीबद्धता सीमा तय की थी।