लखनऊ:- यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा बनी नई पेंशन योजना (एनपीएस) में योगी सरकार ने पहला बड़ा सुधार किया है। सत्ता में वापसी के एक महीने के भीतर ही सरकार ने तय कर दिया है कि यदि कर्मचारी की सेवा के दौरान ही मृत्यु होती है तो उसके अंशदान से बने फंड की पूरी राशि परिवार को वापस कर दी जाएगी। यह आदेश एनपीएस से जुड़े कर्मियों के लिए बड़ी राहत देने वाली है।विशेष सचिव वित्त नील रतन कुमार ने एनपीएस में इस अहम बदलाव संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। नई व्यवस्था को लागू करने के लिए वित्त विभाग के 19 मई 2016 के शासनादेश में संशोधन किया है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान एनपीएस की विसंगतियां बड़ा मुद्दा बनी थीं। कर्मचारियों ने तो इसे खत्म कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग बुलंद की थी।
सपा ने पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा तक कर दिया था। इसका असर ये हुआ कि कर्मचारियों के बड़े तबके ने अपनी मांग के समर्थन में सत्ताधारी दल के खिलाफ चुनाव में मतदान किया, जिसकी झलक बैलेट वोट में सामने आई थी।
फैसले को ऐसे समझें: एनपीएस में 10 फीसदी अंशदान करता है कर्मचारी
एनपीएस के अंतर्गत कर्मचारी का एक प्रान खाता खोला जाता है। इसमें कर्मचारी अपने मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत तथा सरकार 14 प्रतिशत का अंशदान करती है। इस 24 प्रतिशत अंशदान से कार्मिक का पेंशन फंड बनता है।
- अब तक व्यवस्था थी कि सेवाकाल में यदि कार्मिक की मृत्यु होती है तो सरकार प्रान खाते में जमा पूरा फंड राजकोष में जमा कर लेगी। फिर तय नियमों के अनुसार नामिनी को पारिवारिक पेंशन की सुविधा दी जाएगी।
- अब सरकार ने तय किया है कि कार्मिक के संचित पेंशन फंड में से सरकार के अंशदान और उस पर बने प्रतिलाभ को ही सरकारी खजाने में अंतरित किया जाएगा। बाकी कर्मचारी के अंशदान से संचित पेंशन कार्पस की पूरी राशि प्रतिलाभ सहित नामिनी को लौटा दी जाएगी। यदि किसी को नामिनी नामित नहीं किया है तो यह रकम विधिक उत्तराधिकारी को दिया जाएगा। नामिनी को पारिवारिक पेंशन की सुविधा पूर्व की तरह मिलेगी।
केंद्र ने 2021 में ही बना दी थी नई व्यवस्था
केंद्र सरकार के कार्मिक लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय ने 30 मार्च 2021 को अपने कार्मिकों के लिए संशोधित व्यवस्था की अधिसूचना जारी की थी। इसी में एनपीएस में शामिल कार्मिक की मृत्यु पर पेंशन फंड से संबंधित नई व्यवस्था का प्रावधान किया था। अब यूपी सरकार ने भी इसे लागू कर दिया है।